नितिनमोहन शर्मा।
में तो सोई रही सपने में..मोपे रंग डालियों नंदलाल…सपने में श्याम मेरे घर आये…ग्वाल बाल कोई संग न लाये…पौड़ पलका पे मेरे संग…टटोलन लागे मेरे अंग.. दई पिचकारी भर भर रंग…पिचकारी की लगत ही मो मन उठी तरंग..जैसे मिसरी कंद की घोट पिवाय दईं भंग..गाल मेरे कर दिए लाल गुलाल…खुले सपने में मेरे भाग..मेरी गई तपस्या जाग..मनाय रही हंस हंस भाग सुहाग…हंस हंस फाग मनवाती चरण पलोटत जाउ..धन्य धन्य या रेणु को फिर एसी नाहि पाऊ…भई सपने में मालामाल…!!
इतने में मेरे खुले गये नयना..देखूं तो कुछ लेना न देना… परी पलका पे में पछितात..मिडत रह गयी दोऊ हाथ..मन की मन मे रह गई बात.. मन की मन मे रह गई व्हे आयो परभात..वजियो फ़जर को गजर तब तीन ढाक के पात… रही में कंगालीन की कंगाल…होरी को रसिक ही ज़ोन..रसकूँ कूर कहाँ पहचाने.. जो रस बरसे ब्रज के माहि.. सो रस तीन लोक में नाहि… देख के ब्रह्मादिक ललचाये…ब्रह्मादिक ललचाये.. धन्य धन्य बृजवाय..!!
होरी के हुरियारे बन जब श्यामसुंदर एक गुजरी के सपने में आधी रात को आये तो वो स्वयम को धन्य मान उठी। पर हाय री किस्मत…इतने में उसके नैन खुल गये और वो अब तक अपने को जो मालामाल समझ रही थी कि बनवारी मेरे गाल गुलाबी कर गए..स्वयम को कंगाल समझने लगी। गुजरी ने आह भरी..काश मेरे नयन नही खुलते…!!
बृज की होली का ये सुंदर चित्रण और नयनाभिराम नजारा शहर के हंसदास मठ का था जहां बृजधाम रंगों के साथ उतर आया था। अवसर था गोवर्धननाथ मंदिर के पूज्य पाद गोस्वामी दिव्येशकुमार जी महाराज के परम सानिध्य में अयोजित फाग महोत्सव का। दिव्य अलौकिक रंगोत्सव की ये जाजम बिछाई थी भक्ति रस धारा परिवार ने। जिसमे हजारों वैष्णव उमड़े।
माहौल में बृज की होली तब उतरकर आ गई जब गोस्वामी दिव्येशकुमार जी ने चंग-ढप अपने हाथ मे थामी और वो सुंदर रसिया गान शुरू किया जो शुरुआत में लिखा है। उनके मुखारविंद से जैसे ही रसिया गान शुरू हुआ, चारो तरफ अबीर गुलाल के गुबार उड़ने लगे। ताल पखावज, झालरी किन्नरी के संग दो तीन ओर चौ ताल पर बजती ढप पर भक्त स्वयम को थिरकने से नही रोक पाए। गोस्वामी दिव्येशकुमार जी ने झोरी भर भर क्विंटलों गुलाल से सबको होली ऐसी खिलाई की कोई चेहरा रँगीन होने से बच न पाया। आधी रात तक यहां फाग कीर्तन गूँजते रहे। इस अवसर पर वल्लभकुल राजकुमार प्रिय बृजराज जी और अनुश्रुत बाबा का सानिध्य भी सबको मिला।
इस मौके पर भक्ति रस धारा परिवार के कार्यकर्ताओं को स्मृति चिन्ह दिए गए। पूज्य महाराज श्री के वचनामृत भी हुए। उन्होंने बताया 2023 में दक्षिण भारत की समस्त महाप्रभुजी की बैठक यात्रा होगी। इस अवसर पर दिव्य विद्या पीठ द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी दी गई जिसमें मयूर नृत्य ने सबका न मोह लिया। विद्यापीठ के बालक बालिकाओं द्वारा नृत्य नाटिका के जरिये राधा कृष्ण गोपी ग्वाल के सहित फूलों की होली खेली गई। श्री देवकीनंदन जी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा की गई नई घोषणाएं जिसके अंतर्गत श्री दिव्य पुष्टि यूथऑर्गेनाइजेशनद्वारा सभी वैष्णव हेतु चिकित्सा सहयता शिक्षा सहयोग अन्य विषयों पर अन्य घोषणाएं की गई कार्यक्रम में पधारे हजारों वैष्णव जन ने महाप्रसाद का आनंद भी लिया।
बीसा नीमा महिला मंडल का फाग आज
बीसा नीमा समाज की महिला मंडल (Bisa Neema Samaj Mahila Mandal) का फागोत्सव (Fagotsav) आज दोपहर 4 बजे से होगा। मंडल की अध्यक्ष नगर सेठ शोभा रमेश नीमा ने बताया कि फागोत्सव दशा नेमा समाज धर्मशाला मालगंज पर होगा। इस अवसर पर गोवर्धननाथ मंदिर की गोस्वामी बहूजी महाराज का सानिध्य मिलेगा। फागोत्सव में फूलों से होली खेली जाएगी।