उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लखनऊ द्वारा मुख्य सेविका के रिक्त पदों पर चयन हेतु लिखित परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। सेवा चयन आयोग द्वारा यह परीक्षा 2021 के अंतर्गत मुख्य सेविका पद की मुख्य परीक्षा हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। लिखित परीक्षा हेतु परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम को आयोग की वेबसाइट पर यथासमय अलग से प्रकाशित किया जाएगा।
मुख्य सेविका की लिखित परीक्षा की परीक्षा योजना
मुख्य सेविका की लिखित परीक्षा की योजना इस प्रकार रहेगी। जिसमें विषय- विषयगत रहेगा, प्रश्नों की संख्या- 100 रहेगी व निर्धारित कुल प्रश्नों की संख्या भी 100 है व परीक्षा का समय 2 घंटे निर्धारित किया है।
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ऐसा होगा पाठ्यक्रम
दरअसल लिखित परीक्षा की सबसे पहले 1 पाली होगी। जिसमें कुल प्रश्नों की संख्या 100 होगी और इसके लिए 2 घंटे (120 मिनट) का समय निर्धारित किया गया है। परीक्षा के प्रश्न वस्तुनिष्ठ एवं बहुवैककल्पिक कई प्रश्न होंगे और इस प्रश्न का 1 अंक निर्धारित किया है। लेकिन इस लिखित परीक्षा में ऋणात्मक अंक अर्थात नेगेटिव मार्किंग की जाएगी। इस दौरान गलत उत्तर पर प्रश्न के पूर्णाक का 1/4 अर्थात 25% अंक होंगे।
- मुख्य सेविका की भूमिका और जिम्मेदारियां।
- विवाह, परिवार, जाति लिंग की असमानता धर्म और भाषाएं।
- सामाजिक समस्याएं और विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं से संबंधित मुद्दे।
- जनसंख्या विस्फोट, जनसंख्या वृद्धि और नियंत्रण।
- गरीबी, दहेज, घरेलू हिंसा, तलाक, अंतर और अंतर पीढ़ी संघर्ष, जातिवाद।
- सामाजिक परिवर्तन सामाजिक नियंत्रण।
- उर्जा, बेसल उपापचय।
- संतुलित आहार, भोजन का कैलोरी मान और वजन प्रबंधन।
- भोजन के आवश्यक घटक (प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज, पानी): उसके स्त्रोत, कार्य, आवश्यकताएं, कमी से होने वाले रोग।
- गर्भधारण और गर्भावस्था की जटिलताओं के संकेत, प्रसव, गर्भधारण के दौरान पुष्टाहार की आवश्यकता, जन्म के चरण, प्रश्नों के प्रकार, महिला स्वास्थ्य एवं गर्भपात।
- वृद्धि एवं विकास: शारीरिक विकास, मोटर विकास, भावनात्मक विकास, सामाजिक विकास, संख्यात्मक विकास।
- नवजात की देखभाल, स्तनपान के तरीके, कुपोषण एवं पूरक पोषण।
- जीवनचक्र के दौरान पोषण: शैशावावस्था, बचपन, किशोरावस्था, भारत में शिशु मृत्यु दर एवं मातृ शिशु दर।
- खाना पकाने के दौरान पोषक तत्वों का संरक्षण, खाघ पदार्थो के अंकुरण, किण्वन, खाघ तालमेल के पोषण मूल्य को बढ़ाने के पारंपरिक तरीके।
- बाल विकास के चरण और विकास को प्रभावित करने वाले कारक।
- प्रतिरक्षा: प्रतिरक्षण के प्रकार और अनुसूची।
- रोग, बुखार, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियोमाइलाटिस, खसरा, तपेदिक, चिकन पॉक्स, हेपेटाइटिस, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, दस्त, कृमि संक्रमण, एनीमिया, कारण, लक्षण और इलाज ।
- परामर्श: इसका का अर्थ, आवश्यकता और तकनीक, प्रभावी संचार और इसके कौशल।
- स्वास्थ्य एजेंसियां: डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनएफपीए, यूएनडीपीए, रेड क्रॉस, इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर, फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि।
- सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम: जन्म से पूर्व, जन्म के पश्चात टीकाकरण।