देश में बहुत जल्द ही कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होना हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ह्रदेश कुमार ने बड़ा ऐलान करते कहा कि, गैर कश्मीरी लोग भी राज्य में मतदान कर सकते हैं। इसके लिए उनकों अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाना होगा। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाबलों के जवान भी वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल करा सकते हैं।
निर्वाचन अधिकारी ह्रदेश के अनुसार, जम्मू कश्मीर में इस बार करीब 25 लाख नए वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने की उम्मीद है। इसमें कर्मचारी, छात्र, मजदूर और कोई भी गैर स्थानीय जो कश्मीर में रह रहा है, वह अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करा सकता है। जो गैर कश्मीरी अपना नाम वोटर लिस्ट में नाम शामिल करवाना चाहते है उनके लिए स्थानीय निवास प्रमाण पत्र की अवश्यकता नहीं है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों के जवान भी वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराकर वोटिंग कर सकते हैं।
राज्य में धारा 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार मतदाता सूची में संशोधन होने वाला हैं। अधिकारी ऐसी उम्मीद जता रहे है कि इस बार बड़े पैमाने पर बदलाव होगा। इतना ही नहीं तीन साल में बड़ी संख्या में युवा 18 साल या उससे अधिक उम्र के हो गए हैं।
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गौरतलब है कि, 15 सितंबर से वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो यह 25 अक्टूबर तक चलेगी। हालांकि, 10 नवंबर तक दावों और आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में 18 साल से अधिक उम्र के करीब 98 लाख लोग हैं, जबकि अंतिम मतदाता सूची के अनुसार सूचीबद्ध मतदाताओं की कुल संख्या 76 लाख है।
पूर्व सीएम महबूबा ने केंद्र पर साधा निशाना
पीडीपी चीफ और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, जम्मू कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने संबंधी भारत सरकार का फैसला, पहले बीजेपी को लाभ पहुंचाने और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देने का फैसला चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए है। असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करके जम्मू-कश्मीर पर शासन जारी रखना है।
GOIs decision to defer polls in J&K preceded by egregious gerrymandering tilting the balance in BJPs favour & now allowing non locals to vote is obviously to influence election results. Real aim is to continue ruling J&K with an iron fist to disempower locals. https://t.co/zHzqaMseG6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 17, 2022
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर पूछा कि क्या बीजेपी म्मू-कश्मीर के वास्तविक वोटरों को लेकर इतनी असुरक्षा महसूस कर रहे हैं कि उसे चुनाव जीतने के लिए अस्थायी वोटरों को आयात करने की जरूरत है? उन्होंने कहा, जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने वोट का प्रयोग करने का मौका दिया जाएगा तो इनमें से कोई भी चीज बीजेपी के काम में नहीं आएगी।