इंटरनेशनल बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के बाद केंद्र सरकार ने खाद्य तेल निर्माता कंपनियों को अपने ब्रांड की कीमत कम करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कंपनियों को एक सप्ताह के अंदर दस रुपए प्रति लीटर कीमत कम करने की हिदायत दी है। इसके साथ सरकार ने यह बह कहा है कि पूरे देश में एक ब्रांड के खाद्य तेल का अधिकतम प्राइस एक होना चाहिए। बड़े स्तर पर खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने खाद्य तेल संघों और प्रमुख खाद्य तेल निर्माताओं के साथ बैठक की थी। जिसमे खाद्य सचिव ने कहा कि जब खाद्य तेल की एमआरपी में परिवहन और अन्य लागतों को पहले ही शामिल कर लिया जाता है, तो एमआरपी में फर्क नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह कीमतें 10 रुपये कम हो जाएंगी।
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पिछले महीने कई खाद्य तेल कंपनियों ने कीमतों में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, लेकिन अभी घटे हुए दाम वाले तेल खुदरा दुकानदारों तक नहीं पहुंचे हैं। एसईए के कार्यकारी निदेशक बी.वी.मेहता ने कहा कि खुदरा बाजार में इसका असर दिखने में कुछ समय लगेगा। भारत अपनी खाद्य तेल जरूरत का 60 फीसदी आयात करता है। इस साल यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण खाद्य तेल कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया क्योंकि वैश्विक खाद्य तेल की जरूरतों का बड़ा हिस्सा दोनों देश निर्यात करते हैं। वहीं इडोनेशिया ने 28 अप्रैल को निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। इससे देश में तेजी से दाम बढ़ा।