नई दिल्ली, 14 अक्टूबर 2023: मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के समय आदर्श चुनाव आचार संहिता का पालन करने के लिए विशेष निगरानी की जाएगी। इस काम के लिए 30 व्यक्तियों की टीम 24 घंटे निगरानी करेगी। यह टीम सोशल मीडिया और अन्य मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करेगी। आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्रवाई होगी।
दरअसल जानकारी के मुताबिक अब सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का वायलेंस स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके चलते अब इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया पर पेड न्यूज या फेक न्यूज पर आचारण संहिता उल्लंघन होता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी।
आचार संहिता: चुनाव में निष्पक्षता और स्वतंत्रता का धरोहर
भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावों में निष्पक्षता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट, या आदर्श चुनाव आचार संहिता बनाई है। इसका मानना है कि यह संहिता देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए महत्वपूर्ण धरोहर है। इसे चुनावों के दौरान पालन करना अनिवार्य है। यह संहिता प्रावधान नहीं है, बल्कि यह सभी राजनीतिक दलों के सहमति से लागू की जाती है।
आचार संहिता का इतिहास
आदर्श आचार संहिता की शुरुआत केरल विधानसभा चुनावों में 1960 में हुई थी। इसके बाद, 1962 में लोकसभा चुनावों में चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को इस संहिता के पालन के लिए निर्देशित किया और यह सिलसिला आज भी जारी है। आयोग समय-समय पर इस संहिता में बदलाव करता रहता है ताकि चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्षता और स्वतंत्रता सुनिश्चित हो सके।