हिन्दू धर्म और ज्योतिष में तुलसी का बड़ा महत्त्व हैं। सभी के घर में तुलसी तो रहती ही है साथ ही सभी तुलसी की पूजा भी करते हैं। पर्यावरण को शुद्ध करने वाले, सकारात्मकता लाने वाले तुलसी के पौधे को घर के सामने लगाने की सलाह दी जाती है तुलसी के पौधे का धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व है।
एक ओर जहां हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है तो दूसरी ओर इसकी पत्तियों के सेवन से कई बीमारियां भी ठीक हो जाती है। तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ती है बल्कि कई तरह के गंभीर रोगों से भी छुटकारा मिलता है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि रोज खाली पेट तुलसी का पानी पीने से आपको क्या-क्या फायदा मिल सकते हैं।
रोजाना तुलसी के पत्तों के सेवन से शरीर डिटॉक्सीफाई होता है। इसके साथ ही तुलसी शरीर के तापमान को भी कंट्रोल में रखती है. वहीं तुलसी के पत्तों के सेवन से वजन भी कम होता है। साथ ही कोलेस्ट्रोल भी नहीं बढ़ता है। मॉनसून में हल्दी (Turmeric) और तुलसी (Tulsi) का काढ़ा न सिर्फ इम्यूनिटी को मजबूत करता है बल्कि सर्दी-जुकाम और गले में खराश की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है। तुलसी का रोजाना खाली पेट सेवन करने से आपको पेट के दर्द और भारीपन जैसी सम्स्यों से निजात मिलता है।
पेट की समस्याओं में ऐसे करें तुलसी का सेवन
-पेट में एसिडिटी हो तो हर रोज तुलसी के दो से 3 पत्ते चबाएं।
-नारियल के पानी में तुलसी के पत्तों का रस और नींबू मिलाकर पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
-चाय या काढ़े में तुलसी को मिलाकार पीने से पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है और साथ ही मौसमी संक्रमण में भी आराम मिलता है।
-खाने में भी तुलसी का रस और पत्ते शामिल करने से बीमारियों से दूर रहा जा सकता है।
रोज सुबह तुलसी का पानी पीने के फायदे
-सर्दी-जुकाम और गले में खराश महसूस होने पर तुलसी का पानी पीने से राहत मिलती है।
-डायबिटीज के मरीजों को भी तुलसी का पानी पीने की सलाह दी जाती है. इससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
-नियमित रूप से तुलसी का पानी पीने से टॉक्सिक पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
-तुलसी का पानी पीने से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर रहती हैं. कब्ज और लूज मोशन की समस्या से भी राहत मिलती है. इसके अलावा पेट भी ठीक रहता है।
-रोज सुबह खाली पेट तुलसी का पानी पिएं. यह बुखार में भी बहुत लाभकारी होता है. इससे वायरल इंफेक्शन से काफी हद तक बचा जा सकता है।