डरो ना

Mohit
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कोई कहि पर जाओ मत
किसे भी घर बुलाओ मत
समय अभी महामारी का
उतावलापन दिखाओ मत

हो मास्क हमेशा चेहरे पर
रहो खड़े दो गज दूरी पर
यहाँ वहाँ चीज़े मत छुओ
जांच हो खाँसी बुखार पर

मन को रखो प्रसन्न सदा
निराशा आएगी यदा कदा
दिप आशा के जलाए रखो
अच्छा ही होगा सोचो सदा

सांसो की माला में गुथा तू
जीवन विश्वास का माथा तू
आपदाएं हमेशा हारी है
अदम्य साहस की गाथा तू

विपत्तियां आती जाती है
प्रकृति हँसाती रुलाती है
तूने कभी न हार मानी है
हर शै यही याद दिलाती है

मानव मद में चूर नही
खुशहाली अब दूर नही
होगा नया सवेरा मित्रो
ईशकृपा अब दूर नही