बात बात पर क्या आप भी हो जाते है चिड़चिड़े, कही आप भी डिस्थीमिया के शिकार तो नहीं

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ऐसा कई लोगो में देखा गया है जिन्हे हर बात पर गुस्सा आता है या फिर पल में खुश हो जाते है और पल में ही दुखी हो जाते है। कई बार उनके मूड स्विंग्स देखने को मिलते रहते है। ऐसे में कई बार ये लगता है की कही हम डिप्रेशन का तो शिकार नहीं हो गए हैं। अगर आपको भी ऐसा कुछ महसूस होता है तो सावधान हो जाएं। यह डिस्थीमिया डिसआर्डर के साइन है। इसको परसिस्टेंस डिप्रेसिव डिसआर्डर भी कहा जाता हैं। अगर आप इसका शिकार हो जाते है तो किसी भी काम को आप ज्यादा देर एंजॉय नही कर सकते हैं। इसके कारण आप लोगो से कम मिलते जुलते है और अधिकतर अकेला रहना ही आपको अच्छा लगता है। अब आपको यह लग रहा होगा की ये तो डिप्रेशन में होता है तो इसे डिस्थीमिया क्यों कहा जा रहा है। चलिए जानते है डिस्थीमिया क्या है और इसको जानना क्यों जरूरी है।

क्या है?

विषय विशेषज्ञों के अनुसार एक प्रकार के मूड डिसऑर्डर को डिस्थीमिया कहते हैं। इसे माइल्ड डिप्रेशन भी कहते है। इसके कोई गंभीर लक्षण सामने नहीं आते हैं, इसी वजह से इसको परसिस्टेंस डिप्रेसिव डिसऑर्डर भी कहते हैं। लंबे समय तक इस प्रोब्लम से घिरे लोगों का डिप्रेस्ड या फिर लो मूड जो उखड़ा हुआ रहता है।

 

लक्षण? 

यह समस्या डिस्टर्ब मूड रहने वाली है, जो कि कई समय तक बनी रहती है। यह समस्या डिप्रेशन की तरह होती है, लेकिन थोड़ी ज्यादा गंभीर होती है। इसमें अधिकतर टाइम मूड ऑफ रहता, थकान, निराशा, एनर्जी का लो होना, ध्यान न लगना, डिसीजन लेने में दिक्कत होना, भूख या वजन में बदलाव आना, गुस्सा आना और कही भी मन न लगना इसके लक्षणों में आता है।

 

कारण क्या है? 

इसके मुख्य कारण को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है। वही, एक्सपर्ट्स भी यही कहते है। कुछ रिसर्च में ये सामने आया है कि इसमें जेनेटिक, एनवायरनमेंटल और बायोलॉजिकल फैक्टर्स कारण हो सकते हैं। किसी तरह की कोई पहले से फैमिली हिस्ट्री ट्रॉमा, अब्यूज, कोई स्ट्रेसफुल इवेंट, या कोई पुरानी बीमारी या कोई शरीर दर्द और नशीले पदार्थों का सेवन से भी यह डिस्थीमिया होने का जोखिम होता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है।

 

स्वास्थ चिकित्सक के मुताबिक, डिस्थीमिया एक क्रॉनिक कंडीशन है। अगर इसकी लक्षणों की पहचान हो जाए तो सही तरह से इसका इलाज किया जा सकता है। यह ठीक हो जाएगी, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। लेकिन, कुछ चीज़ों का ध्यान रखकर इस स्थिति से बाहर निकला जा सकता है..

एक्सपर्ट की सलाह

अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें

अच्छे थेरेपिस्ट की मदद ली जा सकती है

दवा लें और साइकोलॉजिस्ट की मदद भी

रोजाना एक्सरसाइज करें, सही डाइट भी

किसी के डिप्रेशन का मजाक न बनाएं, उससे बात जरूर करें