परीक्षा पे चर्चा : PM मोदी ने देश भर के छात्रों से की बातचीत, कहा- खुद से स्पर्धा करनी है, दोस्तों से नहीं

Meghraj
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आज सुबह 11 बजे से PM मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के द्वारा बच्चों से बात कर रहे है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार परीक्षा पे चर्चा के लिए 2 करोड़ 5 लाख से ज्यादा छात्रों के साथ ही 14.93 लाख से अधिक शिक्षकों और 5.69 लाख से ज्यादा अभिभावकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। आपको बता दें कि MyGov वेबसाइट के मुताबिक परीक्षा पे चर्चा का समारोह नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है।

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ करीब 3000 स्टूडेंट्स शामिल हुए हैं। इसके साथ ही देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 2 स्टूडेंट्स और एक टीचर इस कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़ें हैं। इसके अलावा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रधानमंत्री कार्यालय और पीआईबी, शिक्षा मंत्रालय के साथ अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सुबह 11 बजे से किया जा रहा है।

पीएम मोदी करीब 10:45 बजे भारत मंडपम पहुँच चुके है। इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम से पहले बच्‍चों के प्रोजेक्‍ट देखे और उनसे सवाल जवाब भी किए। इस दौरान बच्चों ने पीएम मोदी को डोर-लॉक सिस्टम, वायुपुत्र डिवाइस और अन्य कला को एग्जबिशन में दिखाया। इसे देखकर पीएम मोदी ने सभी बच्चों की तरफ भी की। इस कार्यक्रम में बच्चों ने ‘आओ करें परीक्षा पे चर्चा’ गीत से पीएम मोदी का किया स्‍वागत।

पीएम मोदी ने शुरूआत में कहा कि आप उस स्थान पर आए हैं, जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनियाभर के दिग्गज नेता मौजूद रहे, और विश्वभर की नीतियों पर चर्चा की थी। पीएम ने माता-पिता को सुझाव देते हुए कहा है कि कभी पिता बच्चों को बोलते रहते हैं, पिता चुप हो जाते हैं तो मां बोलने लगती हैं। फिर बड़ा भाई बोलने लगता है। कई बच्चे इसे सकारात्मक लेते हैं। लेकिन माता-पिता को ज्यादा समझाने से बचना चाहिए। इससे भी दबाव पड़ता है।

पीएम ने कहा ‘आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है, बल्कि खुद से करनी है। उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है, उसे इंस्पिरेशन बनाइए। हमसे प्रतिभावान दोस्त बनाना चाहिए। इसलिए कभी भी हमने इस प्रकार का ईर्ष्या भाव अपने मन में नहीं आने देना चाहिए।’ इसके साथ पीएम ने टीचर्स से कहा कि स्टूडेंट को कभी लगता ही नहीं कि शिक्षक का उसकी जिंदगी में विशेष स्थान है। जिस दिन टीचर सिलेबस से निकलकर स्टूडेंट्स से रिलेशन डेवलप करेंगे, तो बच्चे उनसे हर प्रेशर का डिस्कस करेंगे।

पीएम ने लिखने को लेकर कहा है कि सबसे पहले पूरा पेपर पढ़ लें, फिर हर सवाल का एनालिस्ट करें, कि किस सवाल में कितना मिनट लगेगा। स्कूल के बाद कम से कम खुद की नोटबुक पर लिखेंगे, खुद का लिखा हुआ पढ़ेंगे और उसे करेक्ट करेंगे। इससे आपको लिखने की आदत हो जाएगी। लिखने में आपकी मास्‍टरी हो जाएगी।