मुंबई से इंदौर आने के लिए 23 दिसंबर को यात्रियों ने धारीवाल ट्रेवल्स से सामान्य से ढाई गुना अधिक किराया देकर सीट बुक की थी। ट्रेवल्स की ओर से यात्रा 23 दिसंबर की रात 10:30 बजे मुंबई के सायन एरिया से शुरू होना बताया गया था। इसके बाद ट्रेवल्स की ओर से रात 12 बजे यात्रियों को लेने एक लोकल बस सायन भेजी गई, बस के पिक अप मैन सूरज ने बताया, बस पालघर से ठाणे पहुंचेगी, वहीं से सभी यात्रियों को शिफ्ट किया जाएगा।
इसके बाद ठाणे तक लोकल पिक अप बस में इंदौर जाने वाली करीब 30 सवारियां भर ली गई। लेकिन धारीवाल ट्रेवल्स की जिस बस क्रमांक MP 09 ZW 0900 यात्रियों ने बुक करवाई थी उसका कहीं कोई अता पता नहीं था। ठाणे से पिक अप मैन सूरज भी बस से उतर कर अपने एक अन्य साथी के साथ बाइक पर लोकल बस में बैठे यात्रियों को एस्कोर्ट करते हुए एक सुनसान रास्ते पर ले जा रहा था।
इस दौरान अनहोनी की आशंका को देखते हुए कुछ यात्रियों ने अपने अपने स्तर पर परिचितों से संपर्क करना शुरू कर दिया। बस में कई महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी थी जो काफी डर गए थे। एक यात्री ने बस सहित 30 यात्रियों के किडनैप होने की आशंका जताते हुए मुंबई पुलिस से भी संपर्क किया। हालांकि जब तक मुंबई पुलिस लोकेशन पर पहुंच पाती तब तक पालघर के नजदीक हाइवे पर रात करीब साढ़े 3 बजे धारीवाल ट्रेवल्स की बस खड़ी नजर आ गई।
बस के ड्राइवर ने बताया, बस खराब थी इसका मेकेनिकल काम करवाने लाया गया था। मुंबई के सायन से रात 10:30 पर चलने वाली बस का किराया ढाई हजार रुपए लिया गया और सुबह 4 बजे तक यात्रियों को परेशानी उठाना पड़ी। इसकी शिकायत मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को ट्वीट के माध्यम से की गई है। सुबह 4 बजे चली बस अब तक इंदौर नहीं पहुंच पाई है। इस मामले की शिकायत 25 दिसंबर को यात्री इंदौर पधारने वाले मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी करेंगे और धारीवाल ट्रेवल्स का परमिट निरस्त करने की मांग रखी जाएगी।