धार: टला डैम फूटने का खतरा, तेजी से निकाला जा रहा है पानी, 3 दिन में कम हो जाएगा वॉटर लेवल

diksha
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धार: धार के कारम डैम से जुड़ी अच्छी खबर सामने आई है. खबर आ रही है कि डैम से पानी छोड़ने का काम शुरू हो चुका है. डैम फूटने का खतरा चल चुका है और तीन तरफ से तेजी से पानी निकाला जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि 3 दिन में पानी का स्तर कम हो जाएगा.

डैम में आई दरार की वजह से जो पानी रिस रहा था उसके चलते नेशनल हाईवे बंद कर दिया गया था और आवागमन में काफी परेशानी देखी जा रही थी. लेकिन अब इंदौर आने के लिए कुछ मार्ग चालू कर दिए गए हैं जिनमें खलघाट, कसरावद, मंडलेश्वर, जाम गेट, महू और इंदौर शामिल है.

धार जिले के कारण डैम को फूटने से बचाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे थे. डैम को खाली करने के लिए नहर बनाकर पानी छोड़ने की रणनीति बनाई जा रही थी. लेकिन मौसम विभाग में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है जिसे देखते हुए रणनीति में बदलाव कर दिया गया था. जहां नहर खोदी जा रही थी उससे करीब 5 फुट पहले मैन वॉल पर कट लगाकर पानी छोड़ने की रणनीति तैयार की गई थी. बता दें कि इसी वॉल में दरार पड़ने की वजह से पानी लीकेज हो रहा है. पिछले 48 घंटे से पहाड़ खोदकर डैम के साइड वाले हिस्से से पानी निकालने की कोशिश की जा रही थी लेकिन चट्टाने इस काम में बाधा बनकर खड़ी हुई थी.

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इससे पहले स्थिति को देखते हुए IIT रुड़की और केंद्रीय जल आयोग की टीम ने रणनीति में बदलाव भी किया था. बताया जा रहा है की पानी छोड़ने से पहले यहां पर जंबो पॉली बैग बिछाए जाएंगे, ताकि मिट्टी के कटाव को कम किया जा सके.

स्थिति को देखते हुए सेना ने मोर्चा संभाल लिया था. शनिवार को सेना के 15 सीटर हेलीकॉप्टर खरगोन जिले के महेश्वर पहुंचा था, जिस पर 15 जवान सवार थे. जवानों ने डैम के हालातों को देखा और इसके बाद हेलीकॉप्टर से कारण नदी का चक्कर लगाते हुए स्थिति का जायजा लिया था.

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मेधा पाटकर भी डैम पर पहुंची थी और उन्होंने स्थिति के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली थी. इसके अलावा मंत्री तुलसी सिलावट राज्यवर्धन सिंह वहीं पर मौजूद है और हालातों की समीक्षा करते हुए लगातार बांध को बचाने की कोशिशों की देखरेख कर रहे थे. डैम में दाहिनी तरफ एक चैनल बनाकर पानी निकालने की कोशिश की जा रही थी. पहले दो मशीनें काम कर रही थी लेकिन बाद में पांच मशीनों को इस काम में लगा दिया गया है. 30 फीट से ज्यादा गहरा गड्ढा किया जा चुका है और सोल्डर पत्थर और मिट्टी के कारण मशीनों को काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. बड़ी-बड़ी चट्टानों को हटाने के लिए रॉक कटर मशीन से काम किया जा रहा था.

तमाम कोशिशों के बाद आखिरकार डैम से पानी निकालने का रास्ता मिल गया है और उम्मीद की जा रही है कि 3 दिन में डैम के पानी का स्तर कम हो जाएगा. डैम फूटने का एक बड़ा खतरा अब टल चुका है.