Delhi: राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने AAP नेताओं पर लगाया फिर एक बड़ा आरोप, जाने अब क्या बोली?

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आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल मारपीट मामले ने देशभर में सनसनी फैला दी है। इस मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी भी मुश्किल में है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर स्वाति मालीवाल की हालिया पोस्ट ने हंगामा मचा दिया है। हाल ही में स्वाति ने एक बार फिर सनसनीखेज आरोप लगाया कि उन्हें पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का फोन आया और आप नेता उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं।

‘उनकी निजी तस्वीरें लीक करने की साजिश’

स्वाति मालीवाल ने ‘एक्स’ के मंच पर कहा कि उनकी निजी तस्वीरें लीक करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो भी उनका समर्थन करेगा उसे पार्टी से निकाल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे पार्टी में हर किसी पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक आरोप लगाने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आप पार्टी प्रमुख उन्हें व्यक्तिगत महसूस कराने की साजिश कर रहे हैं।

‘कुछ लोगों को फर्जी स्टिंग ऑपरेशन के लिए तैनात किया गया है’

उन्होंने लिखा कि ‘कुछ लोगों को उनके खिलाफ मीडिया कॉन्फ्रेंस करने की जिम्मेदारी दी गई और दूसरे को ट्वीट करने की जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने उन पर अमेरिका में बैठे स्वयंसेवकों को बुलाने और उनके खिलाफ कुछ कहने के लिए उकसाने का आरोप लगाया। मेरे पास सच्चाई है कि कुछ लोगों को कुछ फर्जी स्टिंग ऑपरेशन तैयार करने के लिए तैनात किया गया है, वे हजारों की सेना खड़ी कर रहे हैं और मैं अकेले ही इसका सामना करूंगा। मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है, आरोपी बहुत शक्तिशाली है।’

‘मैं किसी से कोई अपेक्षा नहीं रखती’

स्वाति मालीवाल ने पोस्ट मेंआगे लिखा, किसी में उनके खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं है। मैं किसी से कोई अपेक्षा नहीं रखती। मैंने आत्मसम्मान की लड़ाई शुरू की है और न्याय मिलने तक लड़ती रहूंगी। मैं इस लड़ाई में बिल्कुल अकेली हूं लेकिन हार नहीं मानूंगी।’

 स्वाति मालीवाल ने क्या आरोप लगाए?

स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार ने CM आवास पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनकी पिटाई की। पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई और महिला आयोग ने खुद मामला उठाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर शनिवार 18 मई को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। बाद में स्थानीय अदालत ने उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।