लद्दाख की राजधानी लेह में देश की पहली हाइड्रोजन बस सेवा शुरू होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य कार्यक्रम के समापन पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लेह में देश के पहले ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट समेत राष्ट्रीय स्तर पर कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया। लेह में पायलट परियोजना के तौर पर पांच फ्यूल सेल इलेक्ट्रिसिटी बसों का परिचालन शुरू किया जाएगा।
इसके बाद इस बस सेवा को विस्तार दिया जाएगा। अन्य महत्वपूर्ण योजना में प्रधानमंत्री ने नेशनल सोलर रूफटॉप पोर्टल भी लांच किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत घर की छत पर सोलर प्लांट लगाने का आवेदन करने के बाद पूरी प्रक्रिया से जुड़ा अपडेट अब पोर्टल के जरिए आसानी से मिल जाएगा।
लेह में हाइड्रोजन बसों की परियोजना को नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन (एनटीपीसी) की ओर से संचालित किया जाएगा। नई दिल्ली से प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय ऊर्जा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, भारी उद्योग मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर के अलावा लद्दाख से उप राज्यपाल आरके माथुर, पहाड़ी विकास परिषद लेह के अध्यक्ष ताशी ग्यालसन, सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल समेत अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए।
पहाड़ी विकास परिषद लेह के अध्यक्ष ताशी ग्यालसन ने कहा कि एनटीपीसी ने निर्धारित समय में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना को शुरू करवाया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख कार्बन न्यूट्रल प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। हाइड्रोजन बस सेवा इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
फ्यूल सेल से चलती है हाइड्रोजन बस
इलेक्ट्रिक बस चार्ज की गई बैटरी से चलती है जबकि हाइड्रोजन बस इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल करते हुए फ्यूल सेल से चलती है। बस में पहले से फ्यूल सेल होते हैं जो हाइड्रोजन की मदद वातावरण की हवा और ऑक्सीजन का मिश्रण बनाकर वाहन को ऊर्जा देते हैं। इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन वाहन दोनों ही पूरी तरह से प्रदूषण रहित हैं।