ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर जहां कांग्रेस सदन में कमलनाथ जी के नेतृत्व में पूरी तरह से एकजुट नजर आयी ,वहीं भाजपा पूरी तरह से बिखरी-बिखरी नजर आई।शिवराज जी ने जहां इस पूरे मुद्दे पर अपने खास मंत्री भूपेंद्र सिंह को आगे किया तो उसको देखते हुए बाकी नेताओं ने दूरी बना ली।वीडी शर्मा तो पूरे 24 घंटे बाद इस मुद्दे पर बोले , नरोत्तम मिश्रा ने बाद में अपने संसदीय कार्य मंत्री का दायित्व ही निभाया और सिंधिया ,नरेंद्र तोमर ,प्रह्लाद पटेल जैसे नेताओ ने इस मुद्दे पर अपना मुंह भी नहीं खोला और ना सरकार का कोई बचाव किया।इस मुद्दे पर भाजपा में शिवराज अलग-थलग पड़े और सिर्फ उनके साथ भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग ही नजर आये।
अब तीन तरह की भाजपा नजर आ रही है ,एक शिवराज भाजपा ,एक महाराज भाजपा जिसको कोई पूछ नहीं रहा है और तीसरी नाराज भाजपा।
-इस बार विधानसभा में भाजपा विधायकों ने अपने मन की बात खूब कही। भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा और यशपाल सिसोदिया ने अपनी ही सरकार को जमकर घेरा।उमाकांत शर्मा ने जहां कन्या विवाह की राशि में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरा तो वही यशपाल सिसोदिया ने आकाशीय बिजली से हो रही मौतों और अन्य मामलों पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया।इससे समझा जा सकता है कि भाजपा के विधायक अपनी सरकार में बढ़ते भ्रष्टाचार से व अपनी सुनवाई नही होने से दुखी व परेशान हो चुके हैं।
-अभी हाल ही में भाजपा का प्रशिक्षण वर्ग पूरे प्रदेश में चल रहा है।ग्वालियर के प्रशिक्षण वर्ग से श्रीमंत ने पूरी तरह से दूरी बनाई और वहीं भाजपा के एक अन्य प्रशिक्षण शिविर में उनके एक समर्थक मंत्री जो पंचायत से जुड़े हुए हैं ,उनको जब प्रशिक्षण के दौरान उनके एक परिचित का मोबाइल बजा तो उन्होंने जो जवाब दिया वह चर्चा का विषय बना हुआ है।जब परिचित ने उनसे फोन पर पूछा कि वह कहां है तो उन्होंने कहा कि एक घंटे से———प्रबोधन झेल रहा हूँ ,पता नहीं कब तक झेलना पड़ेगा।
इसी से समझा जा सकता है भाजपा में बिकाऊ-टिकाऊ का संघर्ष जारी है और डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी बिकाऊओ को गाना गाकर विश्वास दिलाना पड़ रहा है कि “यह दोस्ती हम नहीं तोडेंगे” और इसी गाने की अगली लाइन है क्योंकि “खाना-पीना साथ है”…..
-भाजपा में वर्तमान में कितनी अंतर्कलह है , यह इसी बात से समझा जा सकता है कि एक तरफ शिवराज जी कह रहे हैं बगैर ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं होंगे और दूसरी तरफ नरोत्तम मिश्रा कह रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए पंचायत चुनाव अभी टलना चाहिए और यह मेरी निजी राय है।इसी से समझा जा सकता है कि यदि चुनाव टलते हैं तो उसका कारण क्या होगा ?
-जिस गृहमंत्री को शिवराज जी अपने संबोधन में भाजपा का ओपनर बैट्समैन यानि सचिन तेंदुलकर कह चुके हैं , क्या कारण है कि वह एक सीधी साधी गेंद वर्तमान में खेल नही पा रहे हैं और खेलने के चक्कर में जमीन पर धड़ाम से गिर पढ़े हैं।
ऐसा लगता है कि मिस्टर इंडिया के रूप में शिवराज जी की अदृश्य शक्ति उनको मैदान पर टिकने नहीं दे रही है।
-राजनीति में अभी भी सिद्धांत व मूल्य जिंदा है ,यह भाजपा के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव ने बता दिया है।एक तरफ तो पूरी भाजपा ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर वरिष्ठ वकील विवेक तंखा व कांग्रेस पर झूठे दोषारोपण में लगी हुई है और वहीं दूसरी तरफ मंत्री गोपाल भार्गव ने यह सच कहकर कि विवेक तंखा रोटेशन व परिसीमन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट गए थे , उनको क्लीनचिट देकर पूरी भाजपा को संदेश दे दिया है कि हर मुद्दे पर झूठ बोलना व कमर के नीचे वार करना ठीक नहीं है।
जिस प्रकार से प्रदेश के भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नरी की घोषणा से प्रदेश के गृहमंत्री अनजान रहे , उसी तरह आमिक्रॉन व कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों व निर्णयों से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी अनजान है।
-उद्यानिकी विभाग में प्याज बीज घोटाले में विभाग की प्रमुख ने मगरमच्छो को पकड़ना चाहा लेकिन बदले में उन्हें मछली विभाग भेज दिया गया।
नरेंद्र सलूजा