भोपाल : आज कांग्रेस विधायक दल, 28 उप चुनाव क्षेत्रों के कांग्रेस प्रत्याशियों ,प्रभारियों ,जिला अध्यक्षों की बैठक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मैं सभी कांग्रेस जनों का धन्यवाद करता हूं , सभी ने बड़ी निष्ठा व मेहनत से इन चुनावो में काम किया है।यह सही है कि परिणाम हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं आए है लेकिन हम हिम्मत हारने वालों में से नहीं है ,हम संघर्ष करेंगे,हम वर्ष 2023 के लिए अभी से संघर्ष शुरू करेंगे।अगला समय नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव का है ,उसके लिए अभी से हम सभी को जुटना होगा।
मैंने अपने जीवन में कभी भी किसी भी कांग्रेस जन का सर झुकने नहीं दिया।जो कहते हैं कि कमलनाथ प्रदेश छोड़ कर चले जाएंगे ,वह सुन ले कमलनाथ जीवन पर्यन्त कांग्रेसजनों के साथ मिलकर प्रदेश वासियों की सेवा करते रहेंगे। मैंने 1 मई 2018 को जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभाला था ,मेरे सामने कई चुनौतियां थी ,इन ढाई सालों में आपके हमारे बीच में एक नया संबंध बना ,एक रिश्ता बना।संगठन को मजबूत करना मेरे लिए चुनौती थी ,चुनाव सर पर थे ,कुछ ही माह बचे थे ,15 साल से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं थी ,कांग्रेस का झंडा हाथ में लेकर चल रहा कांग्रेस का कार्यकर्ता आशा कर रहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आए।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मेरे लिए भी एक नई शुरुआत थी ,हम सभी ने मिलकर संघर्ष किया ,प्रदेश में हमारी सरकार बनी।मुझे काम करने के लिए साढ़े 11 माह मिले ,इस कार्यकाल में कई चुनौतियां थी ,किसानों का कर्ज माफ करना था ,युवाओं को रोजगार देना था ,प्रदेश में निवेश लाना था ,जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना थी ,हमने लक्ष्य बनाकर काम किया ,हमारा संकल्प था कि हम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे ,अपने वचन पत्र के वादों को पूरा करें।
पूर्व सीएम ने कहा कि, हमें निराशा का भाव नहीं लाना है ,हमने तो 77 का वह दौर भी देखा है ,जब लोग कहते थे कि कांग्रेस खत्म हो गई।हमने वह दौर भी देखा ,जब भाजपा के पास मात्र एक-दो सीटें थी।मेरा जीवन में एक ही सिद्धांत है कि जो कुछ करो ईमानदारी से करो।मुझे सौदेबाजी का अक्टूबर माह से ही पता चल गया था पर मैंने तय किया था कि मैं प्रदेश में सौदेबाजी कर प्रदेश का नाम कलंकित नहीं करूंगा।जब मैंने 20 मार्च को इस्तीफा दिया तो मेरे सामने दो रास्ते थे या तो मैं सब छोड़कर चले जाऊं या यहीं रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करूं।मैंने तय किया कि मैं यहीं रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करूंगा ,कांग्रेस जनों को अकेला नहीं छोडूंगा ,हर चुनौती का सामना करूंगा।हम सब मिलकर इन परिणामों की समीक्षा करेंगे ,विश्लेषण करेंगे।आप सभी मुझे इसकी रिपोर्ट बना कर दें ,मैं भी अपने स्तर पर समीक्षा कर आ रहा हूं।यह हार अप्रत्याशित है, हम उन बूथों पर भी हारे , जहाँ हम आज तक नहीं हारे।
बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव में हार जीत होती है लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग में सभी लोग कहते थे कि सिंधिया जी के चले जाने के पश्चात यहाँ कांग्रेस का सफाया हो जाएगा और कांग्रेस का एक कार्यकर्ता भी नहीं मिलेगा लेकिन हम यहाँ 16 में से 7 सीटें जीते हैं ,भांडेर सीट हम सिर्फ 161 वोट से हारे। भाजपा की जीत अप्रत्याशित है।जिन बूथों पर हम आज़ादी के बाद से आज तक नहीं हारे , वहाँ भी परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आये।प्रशासन ने भाजपा का पूरी तरीके से समर्थन किया ,चुनाव आयोग ने भी हमारी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि, कमलनाथ ने बहुत ही अच्छे ढंग से प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं की इन चुनावों में जवाबदारी तय की ,उन्होंने बेहतर ढंग से चुनाव का संचालन किया।उन्होंने ब्लॉक, मंडल, सेक्टर ,पोलिंग बूथ तक इन 28 सीटों पर संगठन खड़ा किया।कमलनाथ जी का अनुभव ,सक्रियता,चुनाव लड़ने लड़ाने के कुशल प्रबंधन पर हमें भरोसा है , हमें 2023 लिये अभी से जुट जाना चाहिये। बैठक में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी,सांसद नकुल नाथ ,पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ,पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ,राजमणि पटेल ,गोविंद सिंह ,चंद्रप्रभाष शेखर ,प्रकाश जैन ,राजीव सिंह ,राजेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।