इंदौर: जिले में मानसून काल की निकटता को दृष्टिगत रखते हुए अतिवृष्टि तथा बाढ़ से उत्पन्न होने वाली स्थितियों से निपटने के लिये आपदा प्रबंधन के संबंध में चर्चा हेतु आज रेसीडेंसी के सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर मनीष सिंह ने की। बैठक में अपर कलेक्टर पवन जैन, अजयदेव शर्मा, राजेश राठौर, आर.एस. मण्डलोई, जिला पंचायत सीईओ वंदना शर्मा, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर.पी. अहिरवार सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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बैठक में बताया गया कि आगामी समय में अतिवृष्टि, बाढ़ तथा इससे उत्पन्न स्थितियों से निपटने के लिए एहतियात के रूप में पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। पूर्व सूचना तथा आकस्मिक स्थिति के दौरान सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए जिला स्तर पर आपदा नियंत्रण केंद्र (कंट्रोल रूम) स्थापित कर दिया गया है। आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिए कि मानसून के दौरान बिजली की आपूर्ति सतत बनाए रखी जाए। यशवंत सागर के गेट खोलने के पूर्व नागरिकों को पूर्व सूचना दी जाए। खदानों में विशेष निगरानी रखी जाए तथा उनके संचालकों से फेंसिंग कराई जाए। शहर में पानी निकासी की पर्याप्त व्यवस्था रखें। जलजमाव वाले स्थानों को पूर्व से चिन्हित कर एहतियात के रूप में तैयारी रखें। पूल और पुलियाओं पर विशेष ध्यान रखें। वहां चेतावनी संबंधी बोर्ड भी लगाए जाएं।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि पहुंच विहीन गांवों की सूची पूर्व से ही तैयार कर लें तथा वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न का भंडारण किया जाए। बैठक में बताया गया कि होमगार्ड द्वारा पर्याप्त संख्या में बचाव एवं राहत दल बनाए जा रहे हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा की मानसून के दौरान शुद्ध पेयजल की उपलब्धता बनाए रखी जाए। आकस्मिक स्थिति के दौरान बनाए जाने वाले राहत शिविरों के लिए स्थानों का चयन अभी से कर लिया जाय। मानसून के दौरान जिले के जलीय पर्यटन क्षेत्रों के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जा रहे हैं, जिससे कि सुरक्षा के व्यापक प्रबंध वहां पर रह सकें।