मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में अपने संबोधन में कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप, युवा शक्ति का उपयोग राष्ट्रहित और विकास में करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि डेयरी टेक्नोलॉजी युवाओं के लिए नए अवसर खोल रही है।
विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी टेक्नोलॉजी कोर्स की शुरुआत
भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली, उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी टेक्नोलॉजी के अकादमिक डिग्री कोर्स की शुरुआत की जा रही है। इस पहल के अंतर्गत पशुपालन का डिग्री कोर्स जबलपुर के साथ अब उज्जैन में भी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि भविष्य में यह कोर्स अन्य विश्वविद्यालयों में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शुरू किए जाएंगे।
आज विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत व्यावसायिक पाठ्यक्रम ‘डेयरी टेक्नोलॉजी’ के संदर्भ में आयोजित संगोष्ठी में विचार साझा किए।
मध्यप्रदेश सरकार नवाचारों के माध्यम से विकसित मध्यप्रदेश-समृद्ध मध्यप्रदेश का स्वर्णिम अध्याय लिख रही है। डेयरी… pic.twitter.com/fqkx6ydqDt
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 5, 2025
मध्यप्रदेश को डेयरी उत्पादन में अग्रणी बनाने की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेयरी टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित युवा, दूध उत्पादन में मध्यप्रदेश को शीर्ष पर ले जाने में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है, और मध्यप्रदेश 9% की हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन का औसत 673 ग्राम है, जो राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम से अधिक है।
डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति, जल संसाधन और उर्वर भूमि को देखते हुए हमें बेहतर प्रयास करने होंगे। इन संसाधनों का सही उपयोग कर मध्यप्रदेश को देश का नंबर-1 डेयरी राज्य बनाने की योजना है।
पशुपालकों के लिए विशेष प्रोत्साहन
उन्होंने बताया कि प्रदेश को “डेयरी कैपिटल” बनाने के लिए सरकार दूध की प्रति लीटर खरीद पर पशुपालकों को बोनस प्रदान करेगी। पशुधन के लिए पर्याप्त चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सिंचाई के रकबे को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। मालवा का क्षेत्र, जो कृषि में पहले से समृद्ध है, अब पशुपालन में भी अग्रणी बनेगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन सरस्वती वंदना से किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री को एनसीसी कैडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। विश्वविद्यालय के कुलगुरु अर्पण भारद्वाज ने मुख्यमंत्री का शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्रम विश्वविद्यालय के एक्टिविटी कैलेंडर का विमोचन भी किया।
संबागायुक्त और उज्जैन दुग्ध संघ के प्रशासक संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री को कृषि और पशुपालन में नदी जोड़ परियोजनाओं से हुए लाभ के लिए धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, डी. के. पाण्डेय, राजेश कुशवाह, विश्वविद्यालय के कुलगुरु और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।