इंदौर। हरेक आत्मा मे परमात्मा का अंश है और जब हम सियाराम मय सब जग जाना कहते है तब निश्चित रूप से आप सभी मे सियाराम है। राम हमारी हर सांस मे बसे है। धर्म की जय हो और विश्व का कल्याण हो ऐसी प्रार्थना सिर्फ भारत मे ही हो सकती है और यही कारण है हम वसुधैव कुटुम्बकम भी कहते है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री तुलसी सिलावट के द्वारा आयोजित सांवेर मे पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज की रामकथा के दौरान कही।
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि भक्ति मार्ग का सबसे अच्छा उदाहरण हनुमान जी का है। आपने इस अवसर पर प्रसंग सुनाया कि किस प्रकार से राम दरबार मे जब प्रभु राम और सीता जी सभी बैठे थे तब सीता जी ने कहा कि वैसे तो सभी पुत्र मुझे प्रिय है परतु हनुमान जी आपकी भक्ति को देखते हुए मै अयोध्या का सबसे कीमती हार देना चाहती हूँ और उन्होंने वह हार हनुमान जी को दिया। हनुमान जी ने उस कीमती हार के प्रत्येक मोती को तोड तोड कर देखा कि उसमे सीताराम है क्या ? परतु नही मिले तब अन्य दरबारियों ने कहा कि मोतियो मे सीताराम ढूढ रहे हो सभी को अपना शरीर प्रिय होता है क्या तुम्हारे शरीर मे सीताराम है तब हनुमान जी ने भरे दरबार मे अपना सीना चीर कर सीताराम सभी को दिखाए थे। जब तक भक्ति मे दीवाने नही हो जाते तब तक भक्ति नही मिलती है। भक्ति मार्ग के अलावा ज्ञान मार्ग है और फिर कर्म मार्ग है। जो काम दिया है उसे मेहनत से करो । किसान मेहनत के साथ खेती करे…कर्मचारी बिना रिश्वत दिए काम करे नेता हवाला घोटाला ना करे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली लक्ष्मी योजना के साथ ही लाडली बहना योजना की भी जानकारी दी और कहा मै भी भाई हूँ तो अपनी बहनों के लिए राम जी कृपा से यह योजना आरंभ कर रहा हूँ।
मै तो भगवान के चरणों की धूल हूँ। आपने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश के सभी शराब अहाते भी बद करने जा रहे है। पहले बहुत तकलीफ थी शराब पीकर सड़कों पर घूमना और गिर पडना। इसके अलावा अपराध भी बहुत होते थे इस कारण अब सभी अहाते बद कर रहे है। लोगो के आग्रह पर भजन भी गाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सांवेर की जनता के आग्रह पर राम भजन सुखदाई जपो मेरे भाई ये जीवन दो दिन का गाया। इस दौरान आपने लोगो से साथ मे भजन गाने का भी आग्रह किया और भजन के अंत मे जयकारे भी लगवाए। मंत्री तुलसी सिलावट ने मुख्यमंत्री को कर्मयोगी कहा आपने कहा कि मुख्यमंत्री ने महाकाल मे नवनिर्माण किया अब ओंकारेश्वर मे शंकराचार्य जी की विशाल मूर्ति लगवाने जा रहे है। सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार कर्म करते रहते है और आम जनता की सेवा मे रत रहते है।
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जब विदेश मे जाओगे तब भारत क्या है पता चलेगा
कथा मे पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि भारत पुण्यभूमि है हमने सभी को अपने यहां पर समाहित किया है। बगाल से लेकर कश्मीर तक हमने अन्य जगहों से आए लोगों को रहने दिया और आप अगर विदेश जाए तब पता चलेगा जिस दिन वीजा समाप्त उसके दूसरे दिन आपको जहाज मे बैठाकर आपके देश भेज देते है। आपने कथा मे किस प्रकार प्रभु श्री राम और लक्ष्मण जी ने असुरों का संहार किया वह भी बताया। आपने कहा कि असुर यानी जिनकी सांस्कृतिक चेतना नही है जिनकी वेदो पुराणों मे श्रद्धा नही है वे असुर है। आसुरी प्रवृत्ति वालो को भगवान ने मारा । आपने कहा कि लोगो ने यह मान्यता मान ली है कि धरम करम बुढ़ापे मे करना चाहिए और अगर युवावस्था मे करते है तब साथ मे कर्मरत रहो जब तक इंद्रियों मे शक्ति है आयु शेष बची है निरंतर लगे रहो।
लोग डर जाते है बच्चा कहीं साधु न बन जाए
आपने कहा कि युवावस्था मे अगर कोई भगवान की भक्ति करने लगता है तब घरवाले डर जाते है कि बच्चा कहीं साधु न बन जाए। परतु जब बुढ़ापे मे वैष्णो देवी और केदारनाथ जाते है तब उन्हे लाद कर ले जाया जाता है जिसे ढो कर ले जाना पड रहा है वह क्या दर्शन करेगा। आपने कहा कि जवानी मे अपने लक्ष्य लेकर चलो कर्म भी करते रहो। आपने इस अवसर पर प्रसंगवश भजन कीर्तन करो जवानी मे बुढ़ापा किसने देखा भी सुनाया।
कथा को आगे ले जाते हुए असुरो के सहार के साथ ही माँ अहिल्या का उद्धार वाला प्रसंग भी सुनाया। किस प्रकार से ऋषि विश्वामित्र जी के साथ श्री राम और लक्ष्मण जी ने मिथिला मे प्रवेश किया। पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज ने किस प्रकार गुरु आज्ञा ने श्री राम और लक्ष्मण जी मिथिला देखने के लिए बाहर गए और किस प्रकार सीता जी और सखियों मे संवाद होता है इसका सुंदर तरीके से वर्णन किया। आपने तीन तरह के हठ के बारे मे भी बताया। आपने कहा कि जीवन मे जो मिल गया उसे प्रभु कृपा मानकर जो प्रसन्न रहता है उसे खुशनसीब कहते है और जिसे सब कुछ मिलने के बाद भी खुश नही प्रसन्न नही है उसे बदनसीब कहते है। आपने कहा जीवन मे जैसे भोजन की रोजाना जरूरत होती है उसी तरह भजन भी लगातार चलते रहना चाहिए । सीता स्वयंवर मे किस प्रकार एक से बढ़कर एक बाहुबली पिनाक धनुष को तोड नही पाए और फिर राजा जनक का यह कहना कि इस धरती पर कोई वीर ही नही बचा मै प्रतिज्ञा ही नही करता। लक्ष्मण जी को गुस्सा आया और किस प्रकार विश्वामित्र जी ने मुर्हूत देखकर श्री राम जो को पिनाक उठाने और प्रत्यंचा चढाने के लिए आज्ञा दी। किस प्रकार से भगवान परशुराम जी आते है। राम जी उन्हे मनाते है और फिर मिथिला से अयोध्या दूत भेजे जाते है विवाह संस्कार मे निमंत्रण देने के लिए।
विवाह संस्कार है इसे संस्कार मे रखे
आपने कहा कि वर्तमान मे विवाह कैसे भी हो रहे है। न परिवार की जरुरत न मामा की जरुरत न गाँव वालो की जरूरत जिसकी जैसी मर्जी वैसे विवाह कर रहे है। विवाह संस्कार है उसे संस्कार मे ही रखे चाहे जैसे ना करे। आपने कहा कि यह भी देखने मे आ रहा है कि प्रेम विवाह करने वाले सबसे ज्यादा तलाक ले रहे है। जब प्रेम है तब तलाक कैसा ? प्रेम का मतलब अधिकार नही बल्कि समर्पण है। श्री राम कथा मे मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान के साथ प्रदेश कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा,सांसद शकर लालवानी, जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर, सावन सोनकर के साथ ही डॉ निशात खरे जी भी उपस्थित थे।