चोइथराम स्कूल के ख़िलाफ़ पालकों का हल्ला बोल, JD कार्यालय भेजा शिकायतों का पिटारा

Akanksha
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इंदौर : चोइथराम स्कूल नॉर्थ केंपस के लगभग 200 अभिभावकों ने लिखित रूप से स्कूल के खिलाफ अपनी विभिन्न शिकायतें – पत्र के माध्यम से स्वयं उपस्थित होकर ज्वाइंट डायरेक्टर ऑफिस में जमा करवाई जिसके फलस्वरूप मनीष वर्मा द्वारा चोइथराम स्कूल नॉर्थ केंपस के प्रिंसिपल उत्तम कुमार झा को J D ऑफिस में तलब किया गया. पालकों ने अपनी परिस्थितियों के विषय में विस्तृत रूप से जे डी को लिखा एवं पिछले 3 महीनों से स्कूल द्वारा की जा रही उपेक्षा का विवरण दिया.

पालकों के कई बार पूछने के बाद भी चोइथराम स्कूल ट्यूशन फीस में शामिल विभिन्न मदों को बताने के लिये तैयार नहीं है. स्कूल इस वर्ष भी पहले की तरह पूरी फीस लेने को आमादा है एवं शिक्षा विभाग के सभी नियमों को ताक पर रख कर स्कूल अपनी मनमानी कर रहा है.

आज JD कार्यालय में भेजी गई प्रमुख शिकायतें…

स्कूल सारी फीस ट्यूशन फीस के नाम पर लेता है इसमें ब्रेकअप बहुत जरूरी है सीबीएसई के नियमों की खुली अवहेलना है अतःसख्त कार्यवाही की आवश्यकता है.

पिछले साल के रिजल्ट अभी तक नहीं दिए गए हैं जब ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है तो रिजल्ट भी ऑनलाइन दे देना चाहिए पिछले साल की तो पूरी फीस भी ली जा चुकी है.

स्कूल में पेरेंट्स रिप्रेजेंटेटिव के जो नाम छपे हुए हैं उन लापता को पता करने का प्रयास करें अगर नकली हो तो तुरंत कार्रवाई करें. अन्यथा उनसे यह पता किया जाए कि उन्हें ऐसे कितने पेरेंट्स का विश्वास प्राप्त है वह साबित करें.

Online पढ़ाई में लगने वाले पालकों के अतिरिक्त खर्च को सर्वप्रथम स्कूल फीस में से कम किया जाए (जैसे लैपटॉप और हर माह का इंटरनेट का बिल +बिजली खर्च).

स्कूल की एक डिसीजन मेकिंग बॉडी (निर्णनाय मंडली) कार्यालय स्कूल में होना अनिवार्य हो उनका समय भी निर्धारित हो.

पिछले 3 साल का खाता बही सार्वजनिक किया जाए. पेरेंट्स एक उपभोक्ता भी है और उन्हें से यह जानने का पूरा अधिकार है.

चोइथराम एक ट्रस्ट है जो नो प्रॉफिट मेकिंग है उसे यह प्रूफ करके दिखाना पड़ेगा.

करोना काल में स्कूल में जो एक्चुअल खर्च किया है उसे दर्शा कर फीस लें. अन्यथा उसे फीस लेने का अधिकार ना हो.

शिक्षा विभाग ने सिलेबस में 60 से 75% की कटौती की है. वैसे ही स्कूल भी 350 मिनट की पढ़ाई 100 से 150मिनट में करवा रहा है, ऐसे में फीस भी उसी अनुपात में कम होना अनिवार्य है. जबकि उस वक्त सारी सुविधाएं जैसे लाइब्रेरी कंप्यूटर, असेंबली डांस+म्यूजिक क्लास,आर्ट एंड क्राफ्ट, स्पोर्ट्स, इंटर स्कूल कंपटीशन सभी मिलती थी वो इस वक्त वह सब नदारद है.