राजस्थान के भीलवाड़ा में कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मचने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह भगदड़ लापरवाही के कारण हुई। लेकिन आखिरकार, इस भगदड़ के पीछे की असली वजह क्या है? आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
राजस्थान के भीलवाड़ा में कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री की हनुमत कथा के दौरान भगदड़ मचने की घटना सामने आई है, जिसमें कई महिलाएं घायल हो गई हैं। कहा जा रहा है कि यह हादसा आयोजकों और सुरक्षा गार्डों की लापरवाही के चलते हुआ। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। यह कथा 10 नवंबर तक आयोजित होनी है, जिसे श्री टेकरी के हनुमान जी कथा समिति द्वारा करवाया जा रहा है। आयोजन के लिए तेरापंथ नगर छोटी हरणी के पास स्थान चुना गया है। गुरुवार दोपहर करीब दो बजे पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 6 लोगों के घायल होने की सूचना है।
सूत्रों के अनुसार, भगदड़ का कारण कथा समिति की लापरवाही को माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि उचित व्यवस्था नहीं की गई थी, और भगदड़ वीआईपी गेट पर हुई। यदि यह भगदड़ आम प्रवेश द्वार पर होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। आयोजन समिति द्वारा वीआईपी पास वितरित किए जा रहे थे, लेकिन भीड़ को नियंत्रित नहीं किया गया, जिससे वहां ज्यादा लोग इकट्ठा हो गए और अचानक भगदड़ मच गई।
हाथरस में गई थी 100 से अधिक लोगों की जान
इसी साल जुलाई में हाथरस में आयोजित एक कथा कार्यक्रम में भी भगदड़ मचने की घटना सामने आई थी, जिसमें 100 से अधिक लोगों की जान गई थी। बेहोश हुए लोगों को बाद में एटा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हादसे का कारण सुरक्षाकर्मियों द्वारा भीड़ को रोका जाना बताया गया, जिसके चलते कई लोगों को दम घुटने की शिकायत हुई। यह कार्यक्रम हाथरस के फुलराई गांव में आयोजित किया गया था, और इसके लिए अनुमति भी ली गई थी। हालांकि, कथा सुनने के लिए अपेक्षा से अधिक भीड़ जुटने के कारण स्थिति बिगड़ गई थी।