AIM द्वारा 5 फरवरी को आयोजित की जाएगी सेंट्रल इंडिया की सबसे बड़ी मैराथन, 25 हजार रनर्स होंगे शामिल

ashish_ghamasan
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इंदौर। एसोसिएशन ऑफ इंदौर मैराथनर्स (एआईएम) द्वारा ‘कोल इंडिया इंदौर मैराथन 2023’ का आयोजन 5 फरवरी 2023 को किया जाएगा। प्रमुख संरक्षक कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस बार की मैराथन ‘ फाइट अगेंस्ट ओबेसिटी” थीम पर होगी और अनुमान है कि इस बार की मैराथन सेंट्रल इंडिया की अब तक की सबसे बड़ी मैराथन होगी क्योंकि इसमें 25 हजार से ज्यादा रनर्स शामिल होने की संभावना है।

इस बार 42.2, 21.2, 10, 5 और 3 किमी. की पाँच श्रेणियों में मैराथन रखी जाएगी। ताकि सभी उम्र और क्षमताओं वाले रनर्स इसमें शामिल हो सके। सबसे खास बात यह है कि इंदौर मैराथन को अलग-अलग मानकों पर परखने के बाद एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल मैराथन्स एंड डिस्टेंस रेसेस (एम्स) द्वारा एआईएम को सदस्यता प्रदान की जा चुकी है। अब इंदौर मैराथन में तय समय सीमा में रेस पूरी करने वाले रनर्स को जो सर्टिफिकेट दिया जाएगा, वो दुनिया भर में होने वाली अंतरराष्ट्रीय मैराथन में शामिल होने की मान्यता प्रदान करेगा।

गौरतलब है कि एआईएम द्वारा सेहत के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से इस बार यह 9 वीं मैराथन रखी गई है। विजयवर्गीय ने बताया कि सातवीं और आठवीं मैराथन कोविड-19 के प्रकोप के चलते ऑनलाइन की गई थी, लेकिन इस बार की मैराथन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों होगी। 42.2 किमी. की मैराथन सुबह 4:30 पर, 21.1 किमी. की सुबह 5:45 पर, 10 किमी. की सुबह 6:30 पर नेहरू स्टेडियम से शुरू होगी और निर्धारित रूट पर तय दूरी को पूरा करते हुए नेहरू स्टेडियम पर ही खत्म होगी। जबकि 5 किमी. की मैराथन सुबह 8:15 पर राजवाड़ा से शुरू होगी और नेहरू स्टेडियम पर पूरी होगी। इसे हेरिटेज वॉक नाम किया गया है। 3 किमी. की फन वॉक 8:45 पर यशवंत क्लब से प्रारंभ होगी।

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इसलिए रखी गई ‘फाइट अगेंस्ट ओबेसिटी थीम”
एआईएम के अध्यक्ष डॉ. अरुण अग्रवाल ने बताया कि इस बार ‘कोल इंडिया इंदौर मैराथन 2023’ की थीम मोटापे के खिलाफ रखी गई है क्योंकि कम उम्र में ही बच्चे इसका शिकार हो रहे हैं और उनका वजन खतरनाक स्तर तक पहुँच रहा है। कई स्कूली बच्चों के खान-पान की आदतें बेहद खराब चुकी है। उनकी लाइफ स्टाइल में व्यायाम नहीं होता। हेल्दी डाइट लेने की बजाय बच्चे जंक फूड, फास्ट फूड, प्रिजर्वेटिव वाले प्रोडक्ट लगातार खाने के कारण ओबेसिटी का शिकार हो रहे हैं। इसके चलते कम उम्र में ही हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज आदि गंभीर बीमारियां उन्हें घेर रही हैं। सिर्फ बच्चे ही नहीं हर उम्र के लोग खराब लाइफ स्टाइल और एक्सरसाइज से दूर होते जा रहे हैं। अगर हम वॉक, जॉग और रन करते रहें तो 13 प्रकार के कैंसर, हार्ट अटैक, बीपी, डायबिटीज, ब्रेम हेमरेज, स्ट्रोक आदि के खतरे को कम कर सकते हैं।

क्षमता और शारीरिक समस्याओं को ध्यान में रखकर भाग लें
रेस डायरेक्टर राजीव लथ ने बताया कि फुल मैराथन 42.2 किमी. की होगी, जबकि हाफ मैराथन 21.1 किमी. की होगी। इसके साथ ही 10 किमी, 5 किमी और 3 किमी की मैराथन भी रखी गई है। रनर्स को अपनी क्षमता और शारीरिक समस्याओं को ध्यान में रखकर इनमें शामिल होना चाहिए। जरूरी है कि वे अपनी मौजूदा बीमारियों को लेकर एक बार डॉक्टर्स से चर्चा करें, आवश्यक जांच करवा लें और उसके बाद मैराथन में शामिल हों ताकि उन्हें किसी अन्य समस्या का सामना न करना पड़े।

एआईएम के सचिव विजय सोहनी ने बताया कि मैराथन में शामिल होने को लेकर रनर्स में जबरदस्त उत्साह है। हजारों रनर्स मैराथन के ट्रैक पर उतरकर भाग लेंगे जबकि अन्य शहरों में अथवा विदेशों में रहने वाले रनर्स ऑनलाइन भी मैराथन शामिल हो सकते हैं। सभी श्रेणियों की मैराथन के रनर्स को टी शर्ट, कैप, बिब, नाश्ता और ऑनलाइन सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जबकि 10, 21.1 और 42.2 किमी. वाले रनर्स को चिप लगी बिब दी जाएगी। रनर्स का टाइम इसमें रिकॉर्ड होगा और विजेता की घोषणा इसी के आधार पर किया जाएगा। सभी श्रेणियों की मैराथन इंटरनेशनल मापदंडों के आधार पर करवाई जाएगी।

टाइमिंग सर्टिफिकेट दुनिया भर में मान्य
एसोसिएशन पदाधिकारी नीरज याग्निक ने बताया कि टोक्यो, बोस्टन, लंडन, बर्लिन, शिकागो, न्यूयॉर्क आदि में आयोजित होने वाली मैराथन अंतरराष्ट्रीय स्तर के बेहद कड़े मानकों पर होती है। इन सभी मैराथन में रनर्स के लिए अलग-अलग समय सीमा रखी जाती है और इनमें शामिल होने के लिए रनर्स तभी पात्र माने जाते हैं जब वे पहले ही इस दूरी को तय समय में पूरा कर चुके होते हैं। इसकी पुष्टि उन संस्थानों द्वारा दिए जाने वाले सर्टिफिकेट से ही होती है जो एम्स के सदस्य हों। पहले रनर्स को मान्य सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए दिल्ली- मुंबई की मैराथन में शामिल होने जाना पड़ता था, लेकिन अब एआईएम द्वारा जो टाइमिंग सर्टिफिकेट दिया जाएगा वो भी अंतरराष्ट्रीय मैराथन में शामिल होने के लिए पात्रता देगा।