गेंद अब कलेक्टर के पाले में—
उज्जैन। महाकाल मंदिर में एक सहायक प्रशासक द्वारा नियम विरूद्ध 40 सामान्य दर्शनार्थियों को दर्शन कराने का मामला ठंडे बस्ते में है। हालांकि उक्त सहायक प्रशासक ने मंदिर प्रशासक द्वारा दिए गए नोटिस का जवाब जरूर दे दिया है वहीं कलेक्टर को भी रिपोर्ट भेज दी गई है और अब गेंद कलेक्टर के पाले में है। हालांकि बताया गया है कि मामले में दोषी सहायक प्रशासक को चेतावनी देकर माफी भी दी जा सकती है।
7 जनवरी शुक्रवार को सहायक प्रशासक आरपी गेहलोत ने अपने परिचितों को बगैर रसीद कटवाए ही वीआईपी दर्शन करा दिए थे। इसे लेकर मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मी ने आपत्ति भी ली थी लेकिन गेहलोत ने अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए जबरन ही वीआईपी दर्शन करा दिए थे।
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बता दें कि प्रोटोकाल के लिए सौ रूपए व वीआईपी दर्शन के ढाई सौ रूपए की रसीद कटवाना सभी के लिए अनिवार्य है लेकिन गेहलोत ने नियमों का मखौल उड़ाया। मामले में महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने कलेक्टर आशीष सिंह को रिपोर्ट बनाकर भेज दी है। अब कलेक्टर सहायक प्रशासक आरपी गेहलोत के खिलाफ नियम का उल्लंघन करने और मंदिर को चपत लगाने के मामले में कार्रवाई करेंगे।
सेवा समाप्त करने की चेतावनी दी थी
मामले की जानकारी लगने के बाद ही मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने गेहलोत को नोटिस देकर 24 घंटे मंे जवाब देने के लिए कहा था। गेहलोत ने जवाब दे दिया था लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी दी गई थी कि यदि संतोषपूर्ण जवाब नहीं दिया जाता है तो एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए गेहलोत की सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
खुद ही नियमों का पालन नहीं करते है
मंदिर प्रशासन ने ही प्रोटोकाल नियमों को बनाया है और इसका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य किया गया है लेकिन खुद अधिकारी ही नियमों का पालन नहीं करते है। अभी भले ही प्री बुकिंग के माध्यम से महाकाल के दर्शन कराए जा रहे हो लेकिन इसके बाद भी कतिपय पंडे पुजारी, पुरोहित व उनके प्रतिनिधि अपने यजमानांे को नियमों को धता बताते हुए दर्शन कराने से गुरेज नहीं कर रहे है।
इनका कहना है
नोटिस का जवाब दे दिया गया है, रिपोर्ट भी कलेक्टर सहाब को भेज दी गई है। निर्णय
अब कलेक्टर सहाब को लेना है। – मूलचन्द जूनवाल, सहायक प्रशासक