बाजार में गिरावट के बावजूद सोने की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले एक महीने में सोने की कीमत में 6 फीसदी से अधिक का बढ़ोतरी हुई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने का 10 ग्राम 459 रुपये बढ़कर 85,146 रुपये हो गया है, जबकि चांदी का रेट भी बढ़कर 95,632 रुपये किलो तक पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी ने आम लोगों के लिए सोना खरीदना महंगा बना दिया है।
सोने की बढ़ती कीमतों के कारण ज्वेलरी की मांग में भारी गिरावट आई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार, देशभर में ज्वैलर्स की बिक्री में कमी देखी जा रही है। शादी के मौसम में भी, सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण ग्राहक खरीदारी से बच रहे हैं। यहां तक कि चीन में डीलरों ने खरीदारों को लुभाने के लिए छूट की पेशकश भी शुरू कर दी है।
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वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें
यदि हम अंतर्राष्ट्रीय बाजार की बात करें, तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा टैरिफ पर दबाव बनाने के कारण वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका के चलते सोने की कीमतों में 1% से अधिक की गिरावट आई है। हालांकि, हाजिर सोना 2,883.80 डॉलर प्रति औंस तक गिरने के बाद भी साप्ताहिक वृद्धि दिखा रहा था।
वर्तमान में ज्वैलर्स की बिक्री

वर्तमान में, ज्वैलर्स का कहना है कि ग्राहक शादी के मौसम में सोने की खरीदारी करना चाहते हैं, लेकिन बढ़ती कीमतों के कारण वे अभी तक खरीदारी से परहेज कर रहे हैं। ग्राहकों द्वारा अक्सर फोन करके पूछा जाता है कि सोना सस्ता कब होगा और खरीदने का सही समय क्या है।
भारत में सोने की खपत
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में भारत में ज्वैलरी की खपत 563.4 मीट्रिक टन थी, जो चीन से ज्यादा है। हालांकि, इस हफ्ते सोने के दाम 88,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। 2024 में 21% की बढ़ोतरी के बाद, इस साल केवल 45 दिनों में सोने की कीमत में 10% से अधिक का इजाफा हो चुका है।
क्या हैं गिरावट का कारण?
वैश्विक बाजार में अनिश्चितता और बढ़ती कीमतों के कारण सोने की डिमांड में मामूली कमी देखी जा रही है। जैसे-जैसे त्योहारों और शादी के सीजन का असर कम हुआ, मांग में गिरावट आई है, जिससे व्यापार घाटे में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप, सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन खरीदारों के बीच संकोच भी बढ़ रहा है।