@सत्येन्द्र हर्षवाल
इंदौर के सराफा बाजार का अपना रुतबा,अपनी पहचान,ओर अपनी ख्याति है,सोना चांदी की खरीददारी के लिए यह बाजार शहर का प्रथम व पुरातन बाजार है ,यहां के दुकानदार,व्यपारी, मजदूर वर्ग सबसे अलहदा,सबसे जुदा है,ओर इसी लिए इस के होने वाले चुनाव भी जो 17 दिसम्बर को होने जा रहे है,आप जब भी कभी सराफा जायेगे तो आप के मुंह से अचानक यह शब्द यकबयक निकल ही जाता है कि ओर सेठ क्या हाल चाल है ,मतलब सराफा के सेठ को इसी तरह अमूमन पुराने लोग नाम के बजाय इस पदवी से सम्बोधित करते है,अब इसके भी कई कारण है पहला यह कि सोने का व्यापार है,
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दूसरा यह कि कीमती सामग्री है,तीसरा यह कि दुकान ही 11 से 12 बजे खोलते है(सभी नही) अधिकतर,प्रेस बन्द कपड़े वो भी व्हाइट,कलप बन्द,आप इनके जैसे कपड़े शौक़ शौक में 10 दिन पहन लो,11 वे दिन जींस टी शर्ट में आ जाओगे खेर,यहा के लोगो की खासियत भी अलग है,पहनावा टकाटक,खाना टकाटक,अब आप कभी इस बाजार में जाये और आपकी निगाह किसी फ्रूट बेचने वाले पर चली जाए आप निसकोच हो कर वह सामान खरीद लेआपको 100% वह सामान उच्च स्तर का मिलेगा वो आम हो,जाम हो,ड्रायफ्रूट्स हो,या कोई भी खाद्य सामग्री क्योंकि इसको यही के व्यापारी,दुकानदार अधिकतर खरीदते है
ऐसे व्यपारी जो सोने का टच जाने बिना सोना तो क्या राखोड़ी भी नही खरीदे ,बहरहाल आप कभी भी उधर जाए तो निसकोच ख़रीदद्दारी कर ले,अब आप रात की सराफा चौपाटी को ही लेले कोई जोड़ नही वहां के स्वाद की,खेर अब बात उस बात की जिसके लिए यह लेख लिखा जा रहा वो है सराफा के होने वाले चुनाव लेकिन इसके पहले दो रोचक जानकारी आपको ओर दे दु फिर अपनी मूल बात पर आता हूं पहली यह कि इंदौर का सराफा एक मात्र ऐसा बाजार है जहां आज भी होली का डांडा गढ़ते ही होली शुरू हो जाती है और दूसरी यह कि पूरे भारत मे सबसे पहले हिंदी फ़िल्म इंदौर में रिलीज होती थी
वो भी गुरुवार को ,ओर गुरुवार इस लिए भी क्यो की गुरुवार को सराफा बन्द रहता था अब तो ऐसा नही है,फ़िल्म पंडितों के हस्तक्षेप के चलते यहा भी शुक्रवार को ही फिल्में अब रिलीज होती है क्यो की बॉक्स ऑफिस पर इसका खासा असर पड़ने लगा था अब बात चुनाव की इस बार भी हर बार की तरह दो पैनल आमने सामने है पहली सराफा विकास पैनल तो दूसरी सराफा प्रगति पैनल सराफा विकास पैनल से अजय लाहोटी,अनिल राका,अशोक शर्मा,अविजित वर्मा,अविनाश शास्त्री,दिलीप नीमा,हुकुम सोनी,राजेश कोठाना, संजय मांडोत,संजय सोनी,सुशील गुप्ता यह मुख्य उम्मीदवार है वही सराफा प्रगति पैनल में,निर्मल वर्मा (घुंघरू)प्रसन्ना सोनी,शंकर परवानी,संतोष पोरवाल,पुरुषोत्तम शर्मा,सुजीत सबनीस,मनोज मेहता,कुलदीप सोनी,श्याम सोनी(काका) हर्षवर्धन पोतदार,(सोनी)व शिशुभ गर्ग लेकिन इन सब के बाद भी कुछ निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में है,जिसमे ईश्वर दीपचंद जेन, आशीष वर्मा कड़ेल,ओर ब्रजमोहन नीमा के साथ कुछ और भी मुख्य नाम है ,लेकिन इस बार उत्साह पहले की अपेक्षा बहुत ज्यादा है अब चुकी चुनाव ही सेठ लोगों का है तो 24 कैरेट तो खरा ओर शुद्ध होगा ही जिसका निर्णय 17 के बाद अवश्य हो जाएगा।
हर्षवाल