Budget 2023: PM Awas Yojana के अंतर्गत मैदानी इलाकों में मकान बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रूपए और पहाड़ी इलाकों के लाभार्थियों को एक लाख 30 हजार रूपए की धनराशि सरकार की तरफ से दी जाती है. सरकार की तरफ से बजट में इस स्कीम को हमेशा से ही priority में रखा जाता है.
Finance Minister निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट स्पीच के बीच देश की जनता को किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने बताया कि पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) का बजट आवंटन पहले के मुकाबले में 66 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है. इसके बाद अब ये बजट बढ़कर 79,000 करोड़ रूपए से अधिक कर दिया गया है.
यहां आपको बता दें कि वित्त साल 2022-23 में Finance Minister निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) हेतु 48,000 करोड़ रूपए का आवंटन किया था. प्रधानमंत्री आवास स्कीम का उद्देश्य देश के सभी लोगों को अपना आवास देना है. इस स्कीम के अंतर्गत सरकार उन लोगों को आवास बनाने के लिए धन राशि देती है जिनके पक्के घर नहीं हैं.
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गरीबों को अपनी छत देना उद्देश्य
PM Awas Yojana के अंतर्गत हर वित्त साल में अलग-अलग उद्देश्य भारत सरकार और राज्य सरकार से आवंटित किए जाते हैं. पात्रता की बात करें तो इस परियोजना के अंतर्गत निर्धन परिवारों को घर आवंटित किए जाते हैं. इसमें उन लोगों को घर दिया जाता है, जिनके पास पक्का घर न हो. आवास स्कीम के अंतर्गत सूची तैयार करते वक्त ये चेक किया जाता है कि लाभार्थी के पास कोई मोटर युक्त दुपहिया या तिपहिया वाहन तो नहीं है. इसके साथ ही अन्य कई मानक निश्चित किए गए हैं.
ये लोग ‘PM Awas Yojana’ के लिए पात्र नहीं
इसके अतिरिक्त यदि किसी के पास 50 हजार या इससे अधिक का किसान क्रेडिट कार्ड है, तो उसे PM Awas नहीं मिलता है. इसके अतिरिक्त घरों में अगर कोई सरकारी कर्मचारी है तब भी वो इस आवास स्कीम का मुनाफा नहीं उठा सकता. अगर किसी घर में कोई व्यक्ति 10 हजार रूपए प्रति महीना कमा रहा है तो उसे आवास स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा. ठीक इसी प्रकार अगर किसी परिवार के पास फ्रिज है, लैंडलाइन कनेक्शन है या ढाई एकड़ या उससे अधिक खेती की भूमि है तो वो मकान पाने का पात्र नहीं होगा. PM Awas Yojana की सूची तैयार करते वक्त इन बातों का ख्याल रखते हुए सर्वे किया जाता है और उसके बाद सूची तैयार की जाती है.
अब तक लाखों लोगों को मिला आवास
अब तक देश में लाखों लोग इस स्कीम का फायदा उठा चुके हैं. इस योजना के अंतर्गत मैदानी इलाकों में मकान बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रूपए और पहाड़ी इलाकों के लाभार्थियों को एक लाख 30 हजार रूपए की धनराशि सरकार की तरफ से दी जाती है. सरकार की तरफ से बजट में इस स्कीम को हमेशा से ही प्राथमिकता में रखा जाता है और इस बार भी बड़ा कदम उठाते हुए इसका बजट बढ़ाया गया है.
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