कलेक्टर मनीष सिंह की पहल लायी रंग, तीन दिव्यांग क्रिकेटरों का India team में हुआ चयन

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By Rohit KanudePublished On: October 13, 2022

कलेक्टर मनीष सिंह की एक संवेदनशील पहल रंग लायी है। दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिये कलेक्टर मनीष सिंह की पहल का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। इंदौर के तीन दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों का चयन दिव्यांगों की इंडिया क्रिकेट टीम में हुआ है। मनीष सिंह ने आज चयनित खिलाड़ियों को कलेक्टर कार्यालय से क्रिकेट किट भेट कर सूरत के लिये रवाना किया।

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर मनीष सिंह ने एक संवेदनशील पहल करते हुये इंदौर के 15 दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों को क्रिकेट के लिये विशेष प्रकार की व्हीलचेयर पूर्व में उपलब्ध करायी थी। इन खिलाड़ियों के लिये प्रशिक्षण की विशेष व्यवस्था भी की गई थी। व्हीलचेयर सीएसआर फंड के माध्यमसे उपलब्ध करायी गई थी। सुविधाएं और प्रशिक्षण मिलने से इंदौर के दिव्यांग खिलाड़ियों के हौसले बुलंद हुये। उन्होंने सफलता अर्जित करने के लिये दिन-रात मेहनत की। सुविधाएं मिलने और उनकी मेहनत से सफलता मिलना शुरू हुई। आज परिणाम है कि तीन दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों का चयन सरदार वलभ भाई पटेल की जयंती पर सूरत में होने वाले क्रिकेट प्रतियोगिता के लिये किया गया है।

कलेक्टर मनीष सिंह की पहल लायी रंग, तीन दिव्यांग क्रिकेटरों का India team में हुआ चयन

चयनित खिलाड़ियों में कमल कंचोले, अजय यादव और कृष्णपाल मुवेल शामिल है। उक्त तीनों खिलाड़ी ऑल राउंडर है। यह क्रिकेट प्रतियोगिता बीसीसीआई द्वारा समर्थित डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया और बिग बैश स्पोर्ट्स लीग द्वारा आयोजित की जा रही है। यह प्रतियोगिता 28 अक्टूबर से शुरू होगी। यह प्रतियोगिता इंडिया ए और रेस्ट ऑफ इंडिया के बीच होगा। इन दोनों टीमों में पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन किया गया है। अपने चयन से उक्त तीनों ही खिलाड़ी बेहद खुश है।

इनका कहना है कि कलेक्टर मनीष सिंह की पहल, उनकी प्रेरणा, मार्गदर्शन, उनके द्वारा दी गई सुविधाएं और संसाधन बेहद मददगार साबित हुए हैं। उन्होंने कलेक्टर मनीष सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया है। इसी तरह का कहना मध्यप्रदेश व्हीलचेयर क्रिकेट एसोशिएशन के अध्यक्ष शहजाद अली तथा प्रशिक्षक श्री हसन खान का भी है। वे भी अपने खिलाड़ियों के चयन से अभिभूत है। उनका कहना है कि अगर यह सुविधा और संसाधन नहीं मिलते, तो यह सफलता संभव नहीं थी।