इंदौर कलेक्टर इलैैया राजा ने ली समीक्षा बैठक, CM हेल्प लाइन और लोक सेवा गारंटी के प्रकरणों का जल्द होगा निराकरण

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कलेक्टर इलैया राजा टी ने आज कलेक्टर कार्यालय में सीएम हेल्प लाइन तथा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की प्रगति की समीक्षा के लिए विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी सीएम हेल्प लाइन तथा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। सीएम हेल्प लाइन तथा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों को प्रतिदिन देखें तथा उनका गंभीरता के साथ समुचित और सकारात्मक निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिले में त्वरित सहायता संबंधी प्रकरणों के तत्काल निराकरण के लिए डेली मॉनिटरिंग सिस्टम रहेगा।

बैठक में अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा, अभय बेड़ेकर, आर.एस. मण्डलोई, सपना लोवंशी तथा जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी वंदना शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर इलैया राजा टी ने सीएम हेल्प लाइन तथा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की प्रगति की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि दर्ज प्रकरणों के निराकरण में किसी भी तरह की उदासीनता, लापरवाही नहीं बरती जाए। उन्होंने कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आने वाले आवेदनों का निराकरण हर हाल में समय सीमा में हो।

इंदौर कलेक्टर इलैैया राजा ने ली समीक्षा बैठक, CM हेल्प लाइन और लोक सेवा गारंटी के प्रकरणों का जल्द होगा निराकरण

बैठक में उन्होंने आदिम जाति, अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में दर्ज प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि विद्यार्थियों को स्कॉलरशीप समय पर मिलना सुनिश्चित किया जाए। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर कॉलेजों में पहुंचकर स्कॉलरशीप वितरण व्यवस्था को देखें। यह सुनिश्चित करें कि विद्यार्थियों की एडमिशन के साथ ही स्कॉलरशीप के फॉर्म भी जमा हो जाए। लापरवाही करने वाले शैक्षणिक संस्थानों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। समय पर स्कॉलरशीप नहीं मिल पाने की जवाबदारी संबंधित महाविद्यालय की रहेगी। छात्रवृत्ति वितरण व्यवस्था की गहनता के साथ समीक्षा की जाए।

बैठक में कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा कि अधिकारी अपने विभाग संबंधी कार्यों के लिए स्वयं जिम्मेदार रहेंगे। वे स्वयं अगले तीन माह की प्राथमिकता स्वयं तय करे, उसके अनुरूप कार्य करें। विभागीय कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करें। वे दिन-प्रतिदिन अपने विभागीय कार्यों की स्वयं भी समीक्षा करें। कमी पाए जाने पर तत्काल सुधार लाए।