मूर्तिकांड-अग्निकांड से कांग्रेस के चंगुल मे फंसी भाजपा

Suruchi
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विपिन नीमा

इंदौर। हिमाचल और कर्नाटक प्रदेश जीतने के बाद उत्साहित कांग्रेस लगातार आगे बढ़ती जा रही है। आज की स्थिति में अगर भाजपा और कांग्रेस की चुनावी गतिविधियों का आकलन करें तो निश्चित रुप से कांग्रेस अग्रेसिव अंदाज में दिख रही है। जबकि विगत 17 सालों से प्रदेश में राज कर रही भाजपा पहली बार कांग्रेस के सामने बैकफूट पर नजर आ रही है। सत्ता में वापसी करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंह और कमलनाथ की जोड़ी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। दूसरी तरफ अपनी नई नई योजनाओं को लागू करके भाजपा अपनी सत्ता को बचाने में लगी हुई है। कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने चुनावी शंखनाद कर पार्टी को जोश में ला दिया है अब भाजपा की बारी है। भाजपा के पहले नम्बर तक दिग्गज नेता मोदी, शाह और नड्डा भी प्रदेश दौरे पर आ रहे है।

आंधी से मूर्तियां टूटी, आग मे फाइले जली बीच मे फंसी सरकार

अभी तक भाजपा और कांग्रेस के बीच लाडली बहना योजना और नारी सम्मान योजना के बीच टक्कर चल रही थी, लेकिन प्रदेश में हुई दो बड़ी घटनाओं ने राजनीति हलचल और बढ़ा दी। पिछले दिनों उज्जैन के महाकाल लोक में आंधी तूफान व बारिश से मूर्तियों के खंडित हो जाने के बाद कांग्रेस को बैठे – बिठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया। इस मामले में कांग्रेस ने सीधे सीधे भाजपा पर घोटाले का आरोप लगा दिया। इसी प्रकार दो दिन पहले भोपाल के सतपुड़ा बिल्डिंग में हुए भीषण अग्निकांड ने कांग्रेस को एक और बड़ा मुद्दा दे दिया।

इस भीषण आग से महत्वपूर्ण फाइलें जलने से कांग्रेस ने मूद्दा बनाकर सरकार की घेराबंदी कर दी। इन दो गंभीर मुद्दों से भाजपा बुरी तरह से कांग्रेस के चंगुल में फंस गई है। कांग्रेस इन दोनों मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर मतदाताओं के बीच जाएंगी। जबकि दोनों मुद्दों से बाहर निकलने के लिए भाजपा के पास कांग्रेस को घेरने के लिए कुछ भी नहीं है।

क्या रेवड़ी और क्या कल्याणकारी, जनता को फ्री पसंद है

मप्र में इस बार का विधानसभा चुनाव अगल ही रंग में दिख रहा है। जिस तरह आप पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली और पंजाब में चुनाव जीता है उसी तरह भाजपा और कांग्रेस भी केजरीवाल मॉडल पर चुनाव जीतना चाहती है। क्या रेवड़ी और क्या कल्याणकारी, जनता को फ्री पसंद है। भाजपा और कांग्रेस ने केजरीवाल मॉडल को बहुत अच्छी तरह से समझ लिया है कि चुनाव जीतना है तो यह जनता को फ्री में कुछ न कुछ देना ही पड़ेगा। भाजपा ने तो केजरीवाल मॉडल पर अमल करना शुरु कर दिया है।

पिछले दिनोें ही भाजपा ने फ्री में एक हजार रुपए महिला्ओं के खाते में जमा कर दिए है। अब भाजपा मैरिट में आने वाले स्टूडेंट को स्कूÞटी देंगी। कांग्रेस पहले ही वादा कर चुकी है अगर उसकी सरकार बनी तो वह महिलाओं को फ्री में डेढ़ हजार रु प्रतिमाह, पांच सौ रुपए का घरेलू गैस सिलेंडर और बिजली सस्ती देंगी। कांग्रेस के ये मुद्दे प्रदेश की जनता को काफी प्रभावित कर रहे है।

भाजपा की सबसे बड़ी शक्ति जय – जय सियाराम

जय जय सियाराम …. भाजपा का नारा नहीं है बल्कि उसकी सबसे बड़ी ताकत है। भाजपा और उसके सहयोगी दल आरएसएस, हिन्दु संगठन , बजरंग दल ये सब मिलकर हिंदुत्व के मुद्दों को लेकर कांग्रेस को कई बार मात दीं , लेकिन इस बार के चुनाव में स्थितियां काफी बदली हुई है, क्योंकि भाजपा के साथ साथ कांग्रेस भी इस बार हिन्दुत्व का मुद्दा लेकर चुनावी मैदान में उतरी है। कर्नाटक में हनुमानजी के नाम पर जिस तरह से जीत मिली है उसको देखते हुए कांग्रेस ने मप्र में भी बजरंग बली को अपना बनाया है।

150 सीट का दावा करने वाली कांग्रेस जगह जगह हनुमान चालिसा का पाठ, नर्मदा पूजन, सुंदर कांड का पाठ, भागवत कथा, धार्मिक यात्राएं, आदि कार्यक्रम करके हिन्दु वोटों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। जनता के लिए इस बार से खुश है की उसे रेवड़ी मिल रही है। यह चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है।

पीएम मोदी, शाह और नड्डा के प्रदेश दौरे की तिथियां फाइनल हुई

पिछले दिनों कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने जबलपुर आकर कांग्रेस के चुनाव का शंखनाद कर दिया है। इसी के साथ आने वाले दिनों में राहुल गांधी और अध्यक्ष खरगे समेत कई दिग्गज चुनाव प्रचार के लिए प्रदेश दौरे पर आएंगे। उधर भाजपा ने अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर दिया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह , राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेता प्रदेश दौरे पर आने की तैयारी में है। 27 तारीख को मोदी प्रदेश दौरे पर आ रहे है। प्रदेश भाजपा मोदी के 9 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के साथ साथ प्रदेश का प्रचार करेंगी। मोदी से पहले 22 जून को दिग्गज नेता अमित शाह , इसके बाद 30 जून को राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा प्रदेश दौरे पर आकर चुनाव प्रचार करेंगे।