रवीन्द्र जैन
क्या वाकई संघ प्रमुख मोहन भागवत, दत्तात्रेय हसबोले और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष मिलकर भी #मोदी_योगी के बीच सुलह कराने में असफल हो गये हैं?
क्या वाकई भाजपा को लगभग 16 साल बाद भगवा की बगावत का सामना करना पड़ेगा? 2005 में मप्र की भगवा साध्वी उमा भारती ने बगावत की थी। इस बार भगवा योगी आदित्यनाथ पूरी तरह बगावत के मूड में दिखाई दे रहे हैं।
लखनऊ से आ रही खबरें बता रही हैं कि अगले कुछ घंटे या कुछ दिन उप्र की राजनीति के लिये अहम हैं। केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर आज उप्र भाजपा अध्यक्ष स्वतन्त्र देव सिंह राज्यपाल से मिलने वाले हैं।
शनिवार को योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन था। सोशल मीडिया पर देशभर से उन्हें बधाइयां मिलीं, लेकिन नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और बीएल संतोष ने उन्हें बधाई नहीं दी।
मोदी योगी का झगड़ा गुजरात केडर के रिटायर आईएएस अरविंद शर्मा को उप्र की सरकार में शामिल करने को लेकर बताया जा रहा है। मोदी के बेहद नजदीक आईएएस शर्मा सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर उप्र में भाजपा के एमएलसी बने हैं। मोदी उन्हें डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाना चाहते हैं। चर्चा है कि योगी उन्हें राज्यमंत्री भी बनाने तैयार नहीं हैं।
इस मामले में यह भी चर्चा है कि योगी आदित्यनाथ ने जब पार्टी नेताओं के फोन उठाना बंद कर दिये तो संगठन मंत्री बीएस संतोष को लखनऊ में डेरा डालना पड़ा। तीन दिन के प्रवास के दौरान संतोष और योगी की मुलाकात तक नहीं हुई।