बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों की पहरेदारी शुरू हो गई है। इतना ही नही लालू यादव और तेजस्वी यादव में ये खौफ इतना बढ़ गया है कि उन्होंने विधायकों को भोज पर बुलाकर अपने बंगले में कैद कर लिया। वहीं भाजपा भी अपने विधायकों के लेकर गया चली गई। कांग्रेस के एमएलए पहले से ही हैदराबाद में हैं।
वहीं फ्लोर टेस्ट से पहले नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने कहा कि नई सरकार के विश्वास मत हासिल करने के दौरान पार्टी के सभी विधायकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी किया गया है। जदयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार ने कहा कि व्हिप का उल्लंघन करने वाले अपनी सदस्यता खो देंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये हर विधानसभा सत्र से पहले होने वाली नियमित प्रक्रिया होती है।
इससे पहले आरजेडी ने अपने विधायकों को बैठक के लिए बुलाकर तेजस्वी यादव के आवास पर रोकने का फैसला किया। 3 घंटे तक चली बैठक के बाद विधायकों को तेजस्वी के पांच देश रत्न मार्ग स्थित आवास पर रोका गया। विधायकों के लगेज को भी आवास में भेजा गया। इसको लेकर बीजेपी नेता निखिल आनंद ने सनसनीखेज आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, यह महसूस करते हुए कि राजद के कुछ विधायक असहज हैं, पार्टी उन्हें नजरबंद करने के लिए एकत्र कर रही है। दूसरी ओर राजद अनर्गल बयानबाजी कर मीडिया में सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रही है। वास्तव में, एनडीए पहले दिन से ही पूरी तरह आश्वस्त है और राजद का धूल चाटना भी तय है।
बिहार में फ्लोर टेस्ट से पटना के सियासी गलियारे में फुलऑन टेंशन का दौर चल रहा है। हॉर्स ट्रेडिंग का खौफ सभी पार्टियों में देखने को मिल रहा है। लालू यादव और तेजस्वी यादव में ये खौफ इतना बढ़ गया है कि उन्होंने विधायकों को भोज पर बुलाकर अपने बंगले में कैद कर लिया। देर रात तक उनके निजी सामान पहुंचाया जाता रहा। बीजेपी अपने विधायकों के लेकर गया चली गई।
गौरतलब है कि बिहार में सोमवार को फ्लोर टेस्ट होना है। पार्टियों द्वारा कहा गया हम सामान्य तौर हर विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले बैठक करते हैं। इस तरह की बैठकें पहले भी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के आवास पर आयोजित की जाती थी। बैठक को लेकर विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार ने भी इसी तरह के विचार रखे। विजय चौधरी और श्रवण कुमार को जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के भरोसेमंद कैबिनेट सहयोगियों में गिना जाता है।