सिल्वर स्प्रिंग के बिल्डर मुकेश झवेरी और अभिषेक झवेरी समेत 10 लोगों के खिलाफ जिला न्यायालय इंदौर ने विभिन्न आपराधिक धाराओं में प्रकरण पंजीबध्द करते हुए सभी को 30 अगस्त को न्यायालय के समक्ष उपस्थिति दर्ज करने के लिए समन जारी किये हैं ।
सिल्वर स्प्रिंग फेज 2 के रहवासियों ने आलोक जैन पिता सुदेश जैन के माध्यम से एक परिवाद धारा 452, 323, 352, 506, 341, 294, 34 और 120बी के अंतर्गत प्रस्तुत किया था। माननीय न्याधीश राहुल डोंगरे साहब की कोर्ट ने 31 जुलाई 2024 को हीरालाल जोशी, सुबोध गुप्ता, अभय कटारे, विकास मल्होत्रा, सत्यम राठौर, ऋषभ विश्वकर्मा, परमजीतसिंह, , जितेंद्रसिंह सोलंकी समेत बिल्डर पिता-पुत्र मुकेश झवेरी और अभिषेक झवेरी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबध्द करने के आदेश प्रदान किये है । 30 अगस्त को इन सभी आरोपियों को माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होना है।
अधिवक्ता राजेश जोशी ने बताया कि माननीय न्यायालय के समक्ष एक परिवाद प्रस्तुत किया गया था, इसमें परिवादी आलोक जैन समेत आधा दर्जन रहवासियों के बयान दर्ज करवाए गए थे, इन बयानों, वीडियो और पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर माननीय न्यायालय ने आपराधिक धाराओं में प्रकरण पंजीबध्द करने के आदेश प्रदान किये है ।
यह है मामला :
सिल्वर स्प्रिंग टाउनशिप में मालिकाना हक वाले प्लॉट धारकों जिन्हें शेयर होल्डर्स कहा जाता है, इनकी जुलाई 2022 की विशेष आमसभा में बिल्डर की शह पर कई बाहरी गुंडातत्व भी जबरन घुस आए और जानबूझकर आमसभा में मारपीट के उद्देश्य से बहसबाजी, गाली गलौज और विवाद करने लगे थे । इस दौरान परिवादी आलोक जैन के साथ सभी आरोपियों ने मिलकर मारपीट की और छिपाकर लाए गए हथियारों से जान से मारने की धमकी दी और बीच-बचाव में अन्य शेयर होल्डर्स आए तो आरोपीगण वहां से भाग निकले । पुलिस तेजाजी नगर थाने पहुंचकर परिवादी ने पूरी जानकारी दी, वरिष्ठतम अधिकारियों तक शिकायत की, इसके बावजूद बिल्डर के दबाव में पुलिस ने प्रकरण पंजीबध्द नहीं किया था। दोबारा 4 अगस्त 2022 को परिवादी और सिल्वर स्प्रिंग्स संघर्ष एवं समन्वय समिति सदस्यों ने थाना तेजाजी नगर समेत आला अधिकारियों को एक शिकायत परिवादी पर हमला करने वालों और बिल्डर के खिलाफ की थी, इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई उल्टा परिवादी और रहवासियों को बिल्डर और उसके सहयोगियों द्वारा लगातार धमकाया जाता रहा ।
रहवासियों की बडी जीत
सिल्वर स्प्रिंग्स के बिल्डर पिता-पुत्र मुकेश और अभिषेक झवेरी रसूखदार होने के साथ साथ राजनीतिक पैठ रखने वाले बिल्डर है । यही वजह है कि सैकडों शिकायतें होने के बावजूद इनके खिलाफ आज दिनांक तक पुलिस ने कोई प्रकरण पंजीबध्द नहीं किया है। रहवासी क्षेत्र में जहां एक ओर बिल्डर ने मनमानी करते हुए शराब परोसने के क्लब शुरू किये, बिल्डिंग की छतों पर मोबाइल टावर लगवा दिये, नाले की जमीनों पर कब्जा करके प्लॉट बेच दिये यही नहीं कुछ बेसमेंट में सुपर मार्केट भी बनवा रखे हैं। बायपास रोड की सबसे बड़ी बसाहट वाली इस टाऊनशिप में बिल्डर डेवलपर एम झवेरी समूह ने निर्माण पश्चात भी छल बलपूर्वक अवैध अधिपत्य बनाए रखा है । घोषित एकीकृत टाऊनशिप को अनेक हिस्सों में बांटकर बिल्डर ने रहवासियों के साझा हित की सैकड़ों करोड़ रुपये मूल्य की सार्वजनिक / शासकीय धनसंपदा पर अवैध कब्जा कर रखा है । एकीकृत टाऊनशिप के हजारों रहवासियों के हित में गठित संघर्ष समिति के माध्यम से वर्तमान अध्यक्ष आलोक जैन द्वारा उपभोक्ता आयोग, उच्च न्यायालय व रेरा सहित हर संभव मंच पर शिकायतें परिवाद दर्ज किए गए हैं । जिनसे छुब्ध होकर बिल्डर पिता पुत्र मुकेश झवेरी व अभिषेक झवेरी द्वारा प्रायोजित कुछ रहवासियों व बाहरी गुंडों के माध्यम से 31 जुलाई 22 को रहवासियों की आमसभा में आलोक जैन के ऊपर किए गए हमले के ठीक 2 साल बाद 31 जुलाई 24 को माननीय न्यायालय के द्वारा यह प्रकरण दर्ज हो सका । भारी अनियमितताएं होने के बावजूद बिल्डर पिता-पुत्र के खिलाफ आज दिनांक तक कोई भी सख्त कार्यवाही नहीं हो पाई थी। रहवासियों का कहना है कि इस तरह की कार्यवाही से न्याय व्यवस्था के प्रति आस्था और उम्मीद जगी है।