इंदौर: पुलिस उपायुक्त कोर्ट में फर्जी आईडी और पावती का इस्तेमाल कर 11 अपराधियों को रिहा करवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घोटाले में जालसाजों के एक संगठित गिरोह के शामिल होने का पता चला है। छोटी ग्वालटोली पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक वकील पर भी संदेह जताया जा रहा है।
डीसीपी जोन-3 पंकज पांडे के मुताबिक, कुछ मामलों में संदेह होने पर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में पता चला कि आरोपी फर्जी आधार कार्ड बनाकर अलग-अलग व्यक्तियों को कोर्ट में पेश करते थे और उनकी जमानत करवा लेते थे।
सांवेर निवासी की पावती का दुरुपयोग:
इन जालसाजों ने इंदौर के करीब सांवेर निवासी सुरेश रामचंद्र के नाम की पावती का इस्तेमाल किया। शिकायत दर्ज होते ही टीआई उमेश यादव ने आनंद उर्फ डॉन नाइक और कमलेश बेरवा नामक आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में वकील का नाम सामने आया:
देर रात एसीपी तुषार सिंह ने पूछताछ की तो आरोपितों ने विजय प्रजापति नामक वकील का नाम लिया।
सुरेश का दावा:
जिस सुरेश की पावती का उपयोग एक मामले में किया गया था, उसने बताया कि वह कभी कोर्ट में पेश नहीं हुआ था। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि गिरोह दूसरे लोगों की आईडी चोरी करके उनका गलत इस्तेमाल भी कर रहा था।