कालिका माता मंदिर, जो शहर की आराध्य देवी का निवास है, ने दर्शनार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण नियम लागू किया है। अब मंदिर में प्रवेश के लिए भारतीय परिधान और मर्यादित वस्त्र पहनना अनिवार्य होगा। मंदिर प्रशासन का मानना है कि यह निर्णय मंदिर की पवित्रता और आस्था को बनाए रखने में मदद करेगा।
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे स्कर्ट, बरमुडा, चड्डा आदि जैसे पाश्चात्य कपड़े पहनकर मंदिर न आएं। मंदिर प्रशासन ने मंदिर परिसर में इस संबंध में सूचना बोर्ड भी लगा दिए हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
- धार्मिक भावनाओं का सम्मान: मंदिर प्रशासन का मानना है कि मंदिर एक पवित्र स्थान है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
- सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा: यह निर्णय भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
- शांति और व्यवस्था: मर्यादित वस्त्र पहनने से मंदिर परिसर में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी।
श्रद्धालुओं का समर्थन
मंदिर के पुजारी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि कई श्रद्धालुओं ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्हें लगता है कि यह निर्णय मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।