Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम में लगाना चाहते है अपनी अर्जी, तो पहले जान लें ये नियम

Simran Vaidya
Published on:

Bageshwar Dham Sarkar: बजरंगबली जी के परम भक्त और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की पॉपुलैरिटी अनेकों मतभेद और कॉन्ट्रोवर्सीज के बाद भी निरंतर बढ़ती ही जा रही है। सोशल मीडिया पर उनसे संबंधित कई वीडियो वायरल होते रहते हैं। उनकी प्रसिद्धी का सबसे प्रमुख कारण यह दावा है कि वह पर्ची के माध्यम से ही उक्त तौर पर लोगों का मन पढ़ लेते हैं। उनके विषय में सारी सूचना हासिल कर लेते हैं और फिर उनकी परेशानी का हल भी बताते हैं। आज हम आपको इस पर्ची से जुड़ी सूचना के विषय में बताने जा रहे हैं।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो पन्ना रोड पर स्थित गंज नाम के छोटे से कस्बे से सड़क मार्ग के माध्यम लगभग 35 किलोमीटर की डिस्टेंस पर बागेश्वर धाम स्थापित है। यहां बालाजी का जग प्रसिद्ध मंदिर है।

धीरेंद्र शास्त्री के सामने पेशी के लिए लगानी होती है अर्जी

बागेश्वर धाम में धीरेंद्र शास्त्री से अनेकिन परेशानियों का हल पाने के लिए सर्व प्रथम अर्जी लगाई जाती हैं। इसी के साथ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जो मनुष्य अर्जी लगाना चाहता है उसे एक नारियल बांधकर बागेश्वर धाम के भवन में रखना होता है।अगर कोई व्यक्ति सामान्य परेशानी के लिए अर्जी लगाना चाहता है तो उसे लाल रंग के वस्त्र में नारियल बांधना होता है। भूत-प्रेत से संबंधित अर्जी के लिए नारियल को काले वस्त्र में और शादी-विवाह से जुड़े मामलों के लिए नारियल को पीले वस्त्र में लपेटकर रखना होता है।

Also Read – अगले 24 घंटों में प्रदेश के इन 10 जिलों में गरज चमक के साथ होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

अर्जी लग जाने पर होती है पेशी

यदि अर्जी लग जाती है तो बागेश्वर धाम में पेशी के लिए जाना होता है। बागेश्वर धाम के दरबार में जब किसी की अर्जी लगती है तो धीरेंद्र शास्त्री खुद शख्स को बताते हैं कि उसे कितनी पेशी की जरुरत है। हालांकि यहां बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं। अर्जी लगना इतना सरल नहीं होता है।पंडित धीरेंद्र शास्त्री के वायरल वीडियो में उनके दिव्य दरबार से जुड़े होते हैं। जिनमें लोग अपनी-अपनी परेशानियां लेकर पहुंचते हैं। इसी के साथ बाबा के पास एक कागज और कलम होता है वो उस पर कुछ लिखते हैं। लोगों को संबंधित समस्याओं का समाधान बताते हैं।