नई दिल्ली: राजस्थान कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निष्कासित उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पर टिपण्णी करते हुए कहा कि पायलट ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा है। गहलोत ने कहा कि पायलट को पार्टी ने बहुत कुछ दिया। उन्हें 25 वर्ष की उम्र में सांसद, 26 की उम्र में केंद्रीय मंत्री बनाया। इसी तरह करीब 30 वर्ष की उम्र में उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। इसके बावजूद उन्होंने जो किया वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
साथ ही अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट तथा 10 मार्च को यह सामने भी आ गया था। उस समय उनका षडयंत्र विफल हो गया। गहलोत ने कहना है कि पायलट समर्थक विधायकों के साथ अपने पिता राजेश पायलट की मूर्ति पर माल्यार्पण करने गये, तथा वहीं से विधायकों को उन्हें दिल्ली ले जाना था। उनके षडयंत्र के बारे में मैं बताता रहा हूं, लेकिन किसी ने विश्वास नहीं किया। गहलोत ने कहा कि वह बहुत अच्छी अंग्रेजी और हिन्दी बोलने वाले अच्छे चेहरे को लेकर जनता में अपनी अच्छी छवि बनाना चाहते थे, लेकिन हकीकत अलग थी।
साथ ही अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद बनने के बाद पहली बार में ही उन्होंने दिखाया कि अध्यक्ष के आते ही लोग खड़े हो जायें। चाहे वे उनसे ज्यादा वरिष्ठ क्यों न हों। व्यक्ति से पद कितना बड़ा होता है यह उन्होंने दिखाने की कोशिश की। राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने के लिये बहुमत आने का वह श्रेय लेते रहे, लेकिन हमें पता है कि हकीकत क्या थी। इसी तरह उन्होंने अपने व्यवहार से पार्टी को नुक्सान पहुुंचाया, लेकिन तब भी हम पार्टी हित में चुप रहे, लेकिन एक न एक दिन तो यह खुलासा होना ही था।