दिल्ली : केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी ने आज संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी के साथ नई दिल्ली में नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) का भ्रमण किया। इस अवसर पर संस्कृति सचिव राघवेंद्र सिंह; एनजीएमए महानिदेशक अद्वैत गणनायक; निदेशक तेमसुनारो जमीर और एनजीएमए के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मंत्रियों ने जयपुर भवन का भ्रमण किया, जिसे अमृता शेरगिल, रबिंद्रनाथ टैगोर, राजा रवि वर्मा, निकोलस रोरिच, जामिनी रॉय, रामकिंकर बैज जैसे जाने-माने कलाकारों के कार्यों को रखने के लिए पुनर्निर्मित किया गया है। उन्होंने अस्थायी प्रदर्शनी कक्ष और प्रदर्शनी भवन (नई शाखा) का भी दौरा किया और वहां लगे चित्रों व कलाकृतियों का अवलोकन किया। केंद्रीय मंत्रियों ने नंद लाल बोस के चित्रों और हरिपुरा पैनल्स की प्रदर्शनी में खास दिलचस्पी दिखाई, जिन्हें गैलरी में कलात्मक रूप से प्रदर्शित किया गया है।
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इस अवसर पर किशन रेड्डी ने राज्य मंत्रियों के साथ वर्चुअल म्यूजियम, ऑडियो विजुअल ऐप सहित एनजीएमए की विभिन्न पहलों का भी जायजा लिया। मीडिया के साथ बातचीत में रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के तहत आजादी का अमृत महोत्सव के संदर्भ में नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पुनर्निर्माण और पुनर्गठन कार्यों के पूरा होने के बाद एनजीएमए को फिर से राष्ट्र के लिए समर्पित करने के साथ इसे नए रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
इसके लिए, गैलरी में प्रदर्शित करने के उद्देश्य से देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में चित्रों और कलाकृतियों को संग्रहित किया जा रहा है और यह संग्रह देश की भावी पीढ़ियों के लिए उपलब्ध रहेगा। मंत्री ने बताया कि देश की राजधानी में देश की सर्वश्रेष्ठ आर्ट गैलरी विशेष संग्रह के साथ तैयार हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके पूरा होने के बाद, इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट दुनिया में आधुनिक कला के सबसे बड़े संग्रहालयों में से एक है, जहां आधुनिक और समकालीन भारतीय कला को रखा जाता है।
एनजीएमए की स्थापना देश में आधुनिक कला को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से की गई थी। इसका उद्देश्य 1850 के बाद की कलाकृतियों को हासिल करना और उनका संरक्षण करना है। इसके खजाने में लघु चित्रों से लेकर आधुनिकतावादी कला और आधुनिक समकालीन अभिव्यक्तियां शामिल हैं।
एनजीएमए ने खरीद और उपहार के द्वारा विभिन्न स्रोतों से कई यूरोपीय और सुदूर पूर्वी देशों के कलाकारों की कलाकृतियों को हासिल किया है। संग्रह में 18वीं और 19वीं सदी में भारत का दौरा करने वाले यूरोपीय कलाकारों की कई कलाकृतियां, चित्र और आकर्षक भारतीय दृश्य शामिल हैं।