हरियाणा कांग्रेस में चल रहे अंदरूनी घमासान के बीच कुमारी शैलजा ने पार्टी को स्पष्ट अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि जब तक पार्टी के मुद्दे सुलझ नहीं जाते, तब तक वे चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लेंगी।
नाराजगी का कारण
सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे को लेकर शैलजा की नाराजगी बढ़ गई है। हाल ही में, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की। शैलजा ने खड़गे से कहा कि यदि दो दिनों के भीतर समस्या का समाधान हो जाता है, तो वह चुनाव प्रचार में सक्रिय हो जाएंगी।
भूपिंदर सिंह हुड्डा से भी खफा
कुमारी शैलजा केवल आलाकमान से ही नहीं, बल्कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा से भी नाराज हैं। पिछले 12 सितंबर से शैलजा ने हरियाणा में चुनाव प्रचार से दूरी बना रखी है, जो उनकी नाराजगी का संकेत है।
रैलियों की स्थिति
इस बीच, शैलजा गुट के रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि कुमारी शैलजा 26 सितंबर को नरवाना में एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगी। हालांकि, आज दोपहर की रैलियों को रद्द कर दिया गया है, जिसे हरियाणा में कांग्रेस के विवाद से जोड़ा जा रहा है। पार्टी ने रैलियों के रद्द होने का कारण खड़गे की खराब सेहत बताया है।
बीजेपी में शामिल होने की अफवाहें
कुमारी शैलजा के कांग्रेस में बगावत के बाद बीजेपी में शामिल होने की अटकलें भी तेज हो गई थीं। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में जब शैलजा से इस बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कहीं नहीं जा रही हैं और कांग्रेस में ही रहेंगी।
हरियाणा कांग्रेस के अंदर चल रहा यह विवाद पार्टी की आगामी चुनावी रणनीति पर भारी पड़ सकता है। कुमारी शैलजा की नाराजगी और उनकी स्थिति कांग्रेस के लिए चुनौती बन सकती है, खासकर चुनावी माहौल में।