दिल्ली : अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन भारत के लिए बहुत अच्छे मित्र साबित हो सकते है। वो शुरू से ही भारत और अमेरिका के सम्बन्ध को मजबूत कर रहे है। उन्होंने साल 2008 में भी दोनों देशो में भारत को असैन्य परमाणु समझौते के लिए सीनेट की मंजूरी दिलवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और आतंकवाद खत्म करने में कई विधेयकों का उन्होंने समर्थन भी किया।
बाइडन सीनेट की विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने असैन्य परमाणु समझौते के दौरान भारत के एक महत्वपूर्ण सहयोगी के तौर पर मौजूद थे। वर्ष 2001 में जो बाइडन ने त्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को पत्र लिखकर भारत पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग की थी। असैन्य परमाणु समझौता दोनों मजबूत लोकतंत्रों के बीच संबंधों को और गहरा करने के लिए एक नींव साबित हुआ।
सामरिक मामलो के विशेषज्ञ पी.एस. राघवन का कहना है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में बाइडन उपराष्ट्रपति थे और उन्होंने भारत अमेरिका के सम्बन्ध बनाने में विशेष भूमिका निभाई थी। ओबामा के कार्यकाल में हिंद-प्रशांत साझेदारी शुरू हुई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार रात को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को बधाई दिया एवं भारत-अमेरिकी संबंधों को और मजबूती प्रदान करने में उनके योगदान का भी जिक्र किया।