लोकसभा चुनावों के परिणाम जहां बीजेपी को चौंकाए है, वहीं उत्तर प्रदेश में विपक्ष अप्रत्याशित सफलता हासिल की है। जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के कारण चुनावी पंडितों ने इस सीट पर बीजेपी की आसान जीत की भविष्यवाणी की थी। लेकिन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने बड़े उलटफेर किए है। अयोध्या की हार पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा हमारे यहां से और भी सीट को गवां देती, इसी बीच में अयोध्या के निवासीयों का दिल से आभारी हुं। हर समय आपने यहां हो रहे परिवर्तन को देखा है। जहां के निवासीयों कि ली गई जमीनों का कोई मुल्य ना समझा हो, जिस मुवावजे पर जमीने लेनी थी वह किमत को समझना कठिन बताया गया है। एक धर्म के लिए आपने किसी गरीब परिवार का दुख नहीं समझा है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए किसी भी नागरिक ने भाजपा को मत नहीं दिया है।
इस दौरान समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद अवधेश प्रसाद सिंह ने कहा कि भाजपा इसलिए हारी क्योंकि उसने भगवान राम की गरिमा को नष्ट किया। उनके शासन में कोई युवाओं के लिए कोई नौकरीयां नहीं है ना हि युवा व्यक्ति के लिए किसी प्रकार का रोजगार दिया हो उन्होंने हमारे जवानों, किसानों का अपमान किया है।
अवधेश प्रसाद ने भाजपा के दो बार के सांसद लल्लू सिंह को 54,567 मतों के भारी अंतर से हराया। आम चुनाव के नतीजे आने से पहले भाजपा का गढ़ माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। 2014 और 2019 में राज्य में भारी जीत दर्ज करने वाली भाजपा 80 में से सिर्फ 33 सीटें ही जीत पाई। इस बीच, अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने कहा कि राम मंदिर का चुनावी मुद्दा भाजपा के काम नहीं आया।