अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विवाद के बीच तीनों सेनाओं ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है। सेना की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि उपद्रवी अग्निवीर नहीं बन सकते। केंद्र की अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में लगातार प्रदर्शन चल रहा है। विरोध प्रदर्शन के बाद रक्षा मंत्रालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए साफ तौर पर कह दिया है कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी और सभी भर्तियां इसी स्कीम के तहत होगी।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा है कि अभ्यर्थी जब आवेदन करेंगे तो उन्हें यह उल्लेख करना होगा कि वह अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ करने वालों में शामिल नहीं थे। सेना की ओर से साफ तौर पर यह भी कहा गया है कि प्रदर्शन करने वाले कुछ लोगों को पता ही नहीं है कि ये योजना क्या है। लेकिन उन्हें कुछ लोगों की ओर से बहला फुसलाकर कर उकसाया और इस हिंसा में शामिल किया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा है कि अग्निपथ योजना के विरोध में कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाने वालों ने छात्रों को भड़काकर प्रदर्शन करवाया। लेकिन अब अग्निवीर बनने वाला शपथ पत्र देगा उसने कोई प्रदर्शन नहीं किया है किसी भी तरह की हिंसा का हिस्सा नहीं बना, ना ही तोड़फोड़ की है। बिना पुलिस वेरिफिकेशन के कोई भी सेना में शामिल नहीं हो पाएगा।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने आगे कहा है कि इस योजना पर पिछले करीब 2 सालों से काम चल रहा था। जब योजना पर बारीकी से ध्यान दिया गया तो हमने आयु सीमा 2 साल के लिए बढ़ाई है क्योंकि युवाओं का दर्द समझा है।
युवा अब फिजिकली तैयार हो, ताकि वह हमारे साथ जुड़कर ट्रेनिंग कर सके।
हम यंग आर्मी चाहते हैं, इसीलिए योजना अब वापस नहीं होगी। योजना पर जो लोग सवाल उठाकर पूछ रहे हैं कि अग्निवीर 4 साल बाद क्या करेगा तो आपको बता दें कि हमारे देश की 85 इंडस्ट्री है, जिन्होंने कहा है कि वह अग्निवीरो को लेना चाहती हैं। लेकिन जहां रातों-रात संभव नहीं है, हम अगर पहले इंडस्ट्रियलिस्ट को इस योजना के बारे में बता देते तो फिर भी कई सवाल उठते। लेकिन हमने इस योजना को लेकर हाल ही में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था और सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है।
भारतीय नौसेना की ओर से यह भी कहा गया है कि 21 नवंबर से पहला नौसैनिक अग्निवीर बैच ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू हो जाए। सबसे खास बात की इस योजना में महिला भी शामिल है। महिला और पुरुष दोनों को अग्निवीरो को जाने की अनुमति होगी। वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत महिलाओं की भी भर्ती होगी। जिन्हें युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर कहा गया कि सेना में बदलाव की प्रक्रिया 1989 से चल रही है। सेना की औसत उम्र 32 साल थी लेकिन अब इसे 26 पर लाना हमारा लक्ष्य था। अनिल पुरी ने कहा कि तीनों सेना प्रमुख और सीडीएस से मिलकर दुनिया के सभी देशों की सेनाओं की औसत उम्र देखी है, जिसमें हमें सेना में यूथ चाहिए। हमें जुनून जज्बे के साथ होश की भी जरूरत है और घोषणा के बाद जो भी बदलाव हुए हैं वह किसी डर से नहीं बल्कि यह सब पहले से ही तैयार थे। अग्निपथ को रोल बैक करने की जरूरत नहीं, न ही ये वापस होगा।
ऐसे होंगी भर्ती
अग्निवीरों की अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती होगी। मौजूदा मेडिकल और फिजिकल नियमों के तहत चयन होगा। सर्विस की जरूरतों के आधार पर महिलाओं को भी मौका मिलेगा। आर्म्स फोर्सेज के नियमों के मुताबिक 10वीं और 12वीं पास की शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य होगी। 17.5 से 21 साल के युवा आवेदन कर सकेंगे।
इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, भारतीय नौसेना के प्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और भारतीय वायु सेना के कार्मिक प्रभारी एयर मार्शल सूरज झा मौजूद थे।