इंदौर : आखिर लंबे समय बाद कंट्रोल माफिया और सरकारी उपभोक्ता भंडारों के संचालकों का अध्यक्ष भारत दवे जिला प्रशासन के हत्थे चढ गया। जिला प्रशासन ने कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर भरत दवे के खिलाफ 420,272,273 जैसी धाराओं में प्रकरण दर्ज करवा दिया।बताया जाता है कि भरत दवे इंदौर जिले की कंट्रोल दुकानों के संचालकों के संगठन का अध्यक्ष बन गया था और वह इसकी आड़ में लंबे समय से गरीबों के राशन की कालाबाजारी कर रहा था।
यह भी बताया जाता है कि प्रशासन की कार्यवाई के दौरान 13 कंट्रोल दुकानों में से अधिकांश दुकानों में जो राशन गरीबों को बंट जाना चाहिए था वह भरत दवे के गोदामों में रखा हुआ मिला। कई कंट्रोल दुकानों पर जितना स्टॉक होना चाहिए था उससे दोगुना स्टॉक पड़ा मिला। इससे स्पष्ट होता है कि इन कंट्रोल दुकानों पर गरीबों को दिए जाने वाला अनाज और सामग्री का वितरण नहीं किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि इन दुकानों पर पात्र लोगों को राशन न देते हुए अन्य लोगों या घर परिवार के लोगों से एंट्री करवा ली जाती थी।
वहीं प्रशासन की कार्यवाई में यह बात भी उजागर हुई कि भरत दवे इंदौर जिले की कंट्रोल दुकानों के माध्यम से अपने कई प्रोडक्ट अपनी दुकान के ट्रेड मार्क से बिकवा रहा था। उसके प्रभाव में कंट्रोल दुकान पर राशन सामग्री लेने आने वालों को यह सामग्री लेना अनिवार्य था। बताया जाता है कि यह सामग्री भी गुणवत्तापूर्ण नहीं पाई गई है। जिसकी जांच की जा रही है।