महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री “माझी लाडकी बहिन योजना” (Majhi Ladki Bahin Yojana) के लाभार्थियों के लिए एक नया नियम लागू किया है। अब इस योजना का लाभ लेने वाली सभी महिलाओं के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए सरकार ने दो महीने की समयसीमा निर्धारित की है। इसके अलावा, भविष्य में हर साल जून महीने में यह प्रक्रिया पूरी करना सभी लाभार्थियों के लिए जरूरी होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल योग्य महिलाओं तक पहुंचे और कोई भी फर्जी दावा या गलत उपयोग न हो।
अपात्र लाभार्थियों की पहचान और डिजिटल सत्यापन
महिला और बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक, हाल ही की जांच में यह सामने आया कि 26.34 लाख लोग इस योजना का गलत तरीके से लाभ उठा रहे थे, जिनमें कई पुरुष भी शामिल थे। इसी कारण डिजिटल सत्यापन यानी ई-केवाईसी की व्यवस्था लागू की गई है। इसके जरिए सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि योजना की आर्थिक सहायता केवल योग्य महिलाओं के बैंक खाते तक पहुंचे और फर्जीवाड़ा पूरी तरह से रोका जा सके।
फर्जी वेबसाइट्स और धोखाधड़ी का खतरा
हालांकि ई-केवाईसी की सुविधा के साथ धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ गया है। गूगल पर कई फर्जी पोर्टल्स सक्रिय हो गए हैं, जैसे hubcomut.in जैसी साइट्स। अगर कोई महिला इन फर्जी साइट्स पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी भर देती है, तो उसके बैंक खाते से पैसा चोरी होने या व्यक्तिगत डेटा लीक होने का खतरा बन सकता है। इसलिए सरकार ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि ई-केवाईसी केवल अधिकृत पोर्टल https://ladakibahin.maharashtra.gov.in/ekyc पर ही करें।
मंत्री की अपील और प्रक्रिया की सरलता
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे (Aditi Tatkare) ने सभी लाभार्थियों से समय पर ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया बहुत आसान और सुविधाजनक है। इसके जरिए न केवल लाडली बहन योजना का लाभ जारी रहेगा, बल्कि भविष्य में अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी यह प्रक्रिया सहायक साबित होगी। मंत्री ने विशेष रूप से महिलाओं से सावधानी बरतने और फर्जी पोर्टल से बचने की सलाह दी है।
योजना की पृष्ठभूमि और पात्रता
महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना जुलाई 2024 में शुरू की गई थी। इस योजना का लक्ष्य समाज की कमजोर और आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की वे महिलाएं, जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है, पात्र मानी जाती हैं। पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं। वर्तमान में इस योजना का लाभ लगभग ढाई करोड़ महिलाओं को मिल रहा है।