अपनी भविष्यवाणी के कारण देश भर में चर्चित आचार्य राजीव नारायण शर्मा ने मोदी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को लेकर दावा किया है कि यह सरकार पांच साल पूरे नहीं कर पाएगी। इसकी कई वजह में से एक गठबंधन सरकार के मुखिया द्वारा गलत समय में शपथ लेना है। साथ ही नायडू और नीतीश के सहयोग से (रामायण में भरत की तरह) खड़ाऊ सरकार चलाने वाले प्रधानमंत्री का 23 वर्ष के पोलिटिकल कैरियर में यह सबसे बुरा समय है।आचार्य शर्मा ने ये दावे गठबंधन वाली मोदी-03 सरकार के शपथ ग्रहण से पूर्व किये हैं।
शेयर मार्केट स्केंडल उजागर होगा
मतगणना से पहले एग्जिट पोल के बाद शेयर मार्केट में आए अभूतपूर्व उछाल और अगले ही दिन सेंसेक्स गिरने को लेकर उनका कहना है विपक्ष इस मामले में और हमलावर होगा।देश में विदेशी निवेशकों की भूमिका के साथ ही शेयर बाजार स्केम विश्व का सबसे बड़ा स्कैंडल होने से भारतीय अर्थ व्यवस्था को हिला देगा।विपक्ष की आक्रामकता से संसद में कामकाज ठप्प होता रहेगा।सरकार कानूनी विवादों में उलझती रहेगी।गठबंधन वाले दल भी तटस्थ रहेंगे।मुहूर्त चिंतामणि के मुताबिक राजा खुद सूर्य समान होता है, जबकि शपथ सूर्यासत के बाद ली गई है।सहयोगी दलों में कुछ समय में ही जूतमपेजार के हालात बन सकते हैं।5 अप्रैल 25 तक सहयोगी दलों के सांसदों को भाजपा में लाने जैसी धोखाधड़ी, फोन टेपिंग आदि कारणों से उथल-पुथल चलती रहेगी, भाजपा नेता गठबंधन का धर्म नहीं निभा सकेंगे।नायडू और नीतीश के साथ भाजपा का हनीमून अधिक समय नहीं चल पाएगा।यदि सहयोगी दलों के साथ भाजपा की सरकार नहीं बनती और इंडिया अलायंस की सरकार बन भी जाती तो वह भी नहीं चल पाती।जिन नवीन पटनायक, जगन रेड्डी, मायावती, केसीआर ने मोदी का साथ दिया वे सब आज सड़क पर आ गए हैं।मोदी की जीत भी भारी मतों से नहीं होना उनके छल छद्म का दंड है।मात्र डेढ़ लाख से जीत, उनसे अधिक सम्मानजनक 8 लाख मतों से जीत तो शिवराज सिंह की रही है।मोदी की अपेक्षा राहुल ने दोनों सीटों से अधिक वोट प्राप्त किए हैं।देश का आम मतदाता मोदी और उनके वादों की असलियत समझ चुका है इसीलिये उनके 400 पार की हवा निकाल दी है।ममता, अखिलेश, महाअघाड़ी शक्तिशाली बन कर उभरे हैं।
भाजपा की कुंडली प्रभावी नहीं
भाजपा की कुंडली के आधार पर उनका कहना है
1996 में जिस भाजपा ने 162 सीटें जीती थी इस बार वह वह 260 सीटें जरूर जीती है लेकिन इसमें 125 सीटें वो हैं जो कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं ने जीती हैं इस तरह भाजपा की सीटें कम रही है।उसके 96 सांसद, 20 मंत्री तो हार गए हैं। बंगाल, बिहार, यूपी, राजस्थान, तमिलनाडू, महाराष्ट्र की 275 सीटों में से 80 सीटें ही मिलना भाजपा की खराब हालत को दर्शा रहा है।यूपी में उसका वोट प्रतिशत पिछले चुनाव में 49.6 था जो घट कर इस चुनाव में 41.4 रह गया है।यूपी में मायावती ने यदि इंडिया अलायंस का साथ दिया होता तो इस गठबंधन की 16 सीटें बढ़ने के साथ ही यूपी में भाजपा की अधिक दुर्गति हो जाती।राजस्थान, तमिलनाडु में भाजपा को इन्हीं कारणों से अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा है।
फड़नवीस के राजयोग अब नहीं
गडकरी भी कभी पीएम नहीं बन पाएंगे
आचार्य शर्मा ने यूट्यूब चैनल 4PM के संपादक संजय शर्मा से चर्चा के दौरान महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति और ग्रहों का जिक्र करते हुए दावा किया है कि वहां भाजपा को धोखाधड़ी की कीमत चुकानी पड़ी है, उसे 48 में से मात्र 9 सीटें ही मिली हैं। बड़े नेता देवेंद्र फड़नवीस को हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना पड़ा है।फड़नवीस की कुंडली में सीएम बनने के योग नहीं है।इसी तरह नितिन गडकरी फिर से मंत्री पद तो प्राप्त कर लेंगे किंतु वे कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे।चुनाव आयोग की जो भूमिका रही है उसे भी कुछ परिणामों के कारण न्यायिक विवाद का सामना करना पड़ेगा।
दो में एक भविष्यवाणी सही साबित
हुई लेकिन दूसरी पूरी नहीं हुई….!
मतगणना से पूर्व और बाद में आचार्य राजीव नारायण शर्मा ने जो चौंकाने वाली दो भविष्यवाणियां की थी उनमें पहली शत प्रतिशत सही साबित हुई।एग्जिट पोल झूठे साबित हुए, भाजपा का चार सौ पार का नारा हवा हो जाएगा, स्मृति ईरानी हार जाएंगी। राहुल गांधी दोनों सीटों पर जीतेगे।शेयर बाजार में गिरावट आ जाएगी।
सही नहीं हुई दूसरी भविष्यवाणी-उन्होंने कहा मोदी पीएम नहीं बनेंगे, दक्षिण का कोई नेता नायडू या खरगे पीएम हो सकता है।भाजपा में बिखराव होगा।इसे लेकर आचार्य शर्मा का कहना है हंग पार्लियामेंट में मोदी यदि पीएम बने हैं तो नायडू-नीतीश के स्टार पॉवरफुल रहने से उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला है।सरकार बन जरूर गई है लेकिन कमजोर साबित होगी।