इंदौर। इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह की पहल पर इंदौर संभाग में ग्रामीणों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए मेगा हेल्थ कैंप आयोजित किये जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में आज इंदौर संभाग के बड़वानी जिले के सेंधवा में मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य इस अवसर पर विशेष रूप से मौजूद थे। उन्होंने स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय सेंधवा में आयोजित वृहद स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया। इस दौरान लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल तथा राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी भी मौजूद थे। अतिथियों ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रदेश के हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की चिंता की जा रही है। उनका मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ्य रहेगा तो हमारा प्रदेश और देश सशक्त बनेगा और विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि शिविर में आए लोगों को एक ही छत के नीचे सभी तरह के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध कराना एक अच्छी पहल है। इसकी जितनी सराहना की जाए वह कम है। इस शिविर में इंदौर एवं खण्डवा के मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के साथ ही इंदौर के प्रसिद्ध अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सक भी अपनी सेवाएं देने आये हैं। यह शिविर क्षेत्र की जनता के लिए बहुत ही उपयोगी है। इस शिविर में उन्हें निःशुल्क जांच के साथ निःशुल्क दवाएं भी दी जा रही है।
8357 लोगों ने कराया अपना पंजीयन
सेंधवा में आयोजित वृहद स्वास्थ्य शिविर में कुल 8357 लोगों ने अपना पंजीयन कराकर विशेषज्ञ डॉक्टर्स से जांच एवं उपचार करवाया है। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. सुरेखा जमरे ने बताया कि लेब में 543, मनोचिकित्सा में 118, कैंसर स्क्रीनिंग में 83, स्त्रीरोग में 890, मेडिसीन में 782, मेमोग्राफी में 25, हड्डी रोग में 310, एक्स-रे में 117, दंत रोग में 145, शिशु ईको में 45, शिशु रोग में 293, न्यूरोलॉजी में 110, नेफ्रोलॉजी में 57, ईसीजी में 110, ईएनटी में 380, क्षय रोग में 245, नैत्र रोग में 515, सर्जरी में 94, चर्मरोग में 258, कुष्ठ रोग में 4, सिकलसेल स्क्रीनिंग में 690, कॉर्डियोलॉजी में 129, आयुष ओपीडी में 293, होम्योपेथी में 342, आयुष्मान कार्ड 165, आभा आईडी में 106, ओडियोमट्री में 126, काललियर में 05, मलेरिया जागरूकता में 150, सोनोग्राफी में 763, जनरल ओपीडी 1229 लोगो के द्वारा कराई गई।
शिविर में चयनित 16 बच्चों का हार्ट का आपरेशन होगा निःशुल्क
सेंधवा में आयोजित वृहद स्तरीय स्वास्थ्य शिविर की सफलता यह रही कि इस शिविर में दूर दराज क्षेत्रों से आये 45 बच्चों के हार्ट की जांच की गई। जिनमें से 16 बच्चों का चयन मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के तहत राजश्री अस्पताल इन्दौर में निःशुल्क होगा। जांच के दौरान 5 बच्चे फालोअप के लिए पाये गये तथा 24 बच्चे स्वस्थ्य पाये गये, उनके माता-पिता को डाक्टर्स द्वारा विशेष परामर्श दिया गया।
कलेक्टर ने किया शिविर का निरीक्षण
सेंधवा में आयोजित वृहद स्तरीय स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण कलेक्टर डॉ. राहुल फटिंग ने भी किया। इस दौरान कलेक्टर ने सम्पूर्ण परिसर में घूमकर मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं उनके स्वास्थ्य के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से जानकारी प्राप्त की।
अग्रवाल समाज के द्वारा की गई भोजन की व्यवस्था
शिविर स्थल पर आये मरीजों एवं उनके परिजनों के लिए सेंधवा शहर के अग्रवाल समाज के द्वारा निःशुल्क कढ़ी एवं खिचड़ी तथा चाय की व्यवस्था की गई। इस दौरान समाज की महिलाओं ने एक जैसी वेशभूषा में उपस्थित होकर ग्रामीणजनों को प्रेम के साथ भोजन परोसा।
आयुष विभाग ने दिया 362 रोगियों को चिकित्सकीय लाभ
सेंधवा में आयोजित प्रड़ स्तरीय स्वास्थ्य शिविर में आयुष विभाग द्वारा विभागीय गतिविधियों के अंतर्गत आयुष स्वास्थ्य परीक्षण, स्वर्ण प्राशन संस्कार गर्भ संस्कार, हर्बल गार्डन और श्रीअन्न मिलेट संबंधी आवश्यक जानकारी देते हुए कुल 362 रोगियों को चिकित्सकीय लाभ दिया ।
शिविर के शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री अंतरसिंह आर्य, राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी, लोकसभा सांसद श्री गजेन्द्रसिंह पटेल, जिला पंचायत सीईओ सुश्री काजल जावला, नगर पालिका सेंधवा अध्यक्ष श्रीमती बसंतीबाई यादव, एसडीएम सेंधवा श्री अभिषेक सराफ, सीएमएचओ डॉ. सुरेखा जमरे, सिविल सर्जन डॉ. अनिता सिंगारे सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन एवं स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग का मैदानी अमला उपस्थित था।
इस शिविर में मेडिकल कॉलेज इंदौर व खण्डवा तथा इंदौर के निजी अस्पतालों से सभी विधाओं के 150 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों की जांच एवं उपचार के लिए उपस्थित थे। शिविर में मरीजों के पंजीयन, जनरल मेडिसीन एवं दवाई वितरण के लिए अलग-अलग काउंटर बनाएं गए थे। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं, सिकलसेल एनीमिया, केंसर जांच, दंत रोग, नेत्र रोग, चर्म रोग, शिशु रोग, अस्थि रोग, मूत्र रोग, ह्दय रोग सहित अन्य सभी रोगों के सम्पूर्ण इलाज एवं जांच की व्यवस्था की गई थी। अलग-अलग बीमारियों की जांच के लिए अलग-अलग कक्ष बनाएं गए थे।