Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है। इस दिन से ही वसंत ऋतु की शुरूआत होती है। मान्यता है कि इस दिन मां देवी सरस्वती की आराधना की जाती है। साथ ही लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं। ज्ञान की देवी मां सरस्वती (Maa Saraswati) है जिनकी पूजा करने से सभी को ज्ञान की प्राप्ति होती है। वहीं इस साल की बात करें तो इस साल 5 फरवरी को बसंत पंचमी आ रही है।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन बहुत से लोगो के लिए इतना शुभ माना जाता हैं इस दिन विवाह भी होते है इसलिए कुछ लोग बसंत पंचमी के दिन प्रेम के देवता काम देव की पूजा भी करते हैं। खासतौर पर बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्योहार उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल समेत पूरे उत्तर भारत में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।
Also Read – आज से गूंजेंगी शहनाइयां, देखें विवाह और यज्ञोपवीत की शुभ मुहूर्त लिस्ट
बसंत पंचमी का महत्व (Significance of Basant Panchami) :
कहा जाता है बसंत पंचमी के दिन लोग विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं। इस दिन को श्री पंचमी भी कहते हैं। इस दिन को शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए आज का दिन शुभ माना जाता है। कई लोग इस दिन गृह प्रवेश भी करना शुभ मानते हैं। इस दिन लक्ष्मी और भगवान विष्णु पूजा करने का भी विधान है।
कैसे करे विद्या की देवी की पूजा अर्चना :
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन सरस्वती पूजा के मौके पर पीले रंग के कपड़े पहनना चाहिए। हिंदू पंचांग के मुताबिक, पंचमी तिथि सूर्योदय और दोपहर के बीच रहती है और ध्यान रहे बसंत पंचमी पर मां सरस्वती पूजा करते समय सरस्वती चालीसा का पाठ जरूर करे। मान्यता है कि इस दिन गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, नींव पूजन, नया व्यापार प्रारंभ जैसे मांगलिक कामों की शुरुआत करने पर शुभ फल मिलता है।
इस खबर में लिखी/बताई गई सूचनाएं और जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Ghamasan.com किसी भी तरह की पुष्टि नहीं करता है.
हमारे फेसबूक पेज को लाइक करे : https://www.facebook.com/GHMSNNews