जैसा कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की मंशा थी वह पूरी हो गयी है। अब तमाम कक्षाओं की ऑफलाइन ही परीक्षा आयोजित होगी। लेकिन यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार पीड़ित पक्ष यानी छात्रों की भी मान लेते छात्रों को प्रिपरेशन के लिए थोड़ा वक्त तो देते। यही नही कोरोना का खतरा सो अलग। दरअसल यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक अशेष तिवारी का कॉन्सेप्ट मेरी समझ से परे है। क्योंकि कोरोना के खतरे को भांपते हुए उन्होंने आदेश निकाला संक्रमित,या संदेहियों के लिए अलग व्यवस्था।
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याने परीक्षा नियंत्रक यह चाहते है कि एक्जाम देने आए छात्र अपनी किस्मत,भगवान पर भरोसा रखते,हुए और खुद की इम्युनिटी के दम पर परीक्षा,भी दे और कोरोना से भी लड़े। लेकिन यकीन मानियेगा अब जो रिजल्ट आएगा,वह छात्रों की बहुत ही बुरी गत करने वाला है। इधर यूनिवर्सिटी के ही पण्डित बताते है कि पिछले 3 सालों से कमाई के लिए सुखी यूनिवर्सिटी में इस परीक्षा के आने वाले रिजल्ट के बाद रिव्यू,एटीकेटी के फॉर्म का अंबार रहने वाला है। लेकिन यह सबकुछ परीक्षा सम्पन्न और रिजल्ट आने के बाद कि बात है।