ज्योतिषों में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, निवेश संवाद, कला, गणित और ज्ञान का कारक ग्रह माना गया है। कहा जाता है कि बुध ग्रह राहु-केतु, और मंगल से शुत्र का भाव और सूर्य, शुक्र से मित्रता का भाव रखते है। वहीं जब बुध जब गुरु, शुक्र, सूर्य और चंद्रमा के साथ रहते है तो इससे शुभ फल मिलता है।
वहीं गुरु, राहु-केतु, मंगल और शनि के साथ रहते है तो वह अशुभ फल प्रदान करते हैं। लेकिन जब बुध ग्रह किसी एक राशि से दूसरी राशि में आते है तो इसमें करीब 20 दिनों का समय लगता है। जानना बेहद जरुरी कि कब बुध गृह अपनी चाल बदलेंगे। क्योंकि इससे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते है इसके बारे में पूरी डिटेल –
आपको बता दे, आप अपने काम करने से पहले ये जान ले कि बुध ग्रह कब वक्री हो रहे हैं। ये इसलिए क्योंकि तार्किक क्षमता, हमारी बुद्धि, हमारा व्यवहार और हमारे सोचने और समझने की शक्ति ये सब कुछ बुध पर निर्भर होता है। खास बात ये है कि कंप्यूटर से जुड़े सभी काम बुध के अंदर आते है। साथ ही ये वकालत के भी कारक है। ऐसे में जो सभी लोग दिमाग के काम करते हैं, उन्हें विशेष रूप से बुध वक्री का प्रभाव प्राप्त होता है।
इन माह में होगा बुध का गृह बदलाव –
- नए साल की शुरूआत से बुध मकर राशि में हैं 14 जनवरी के दिन से वक्री हो जाएंगे।
- फरवरी में बुध 4 फरवरी को वक्री से मार्गी हो जाएंगे।
- मार्च में बुध का 6 मार्च को मकर से निकलकर कुंभ में प्रवेश होगा। वही 24 मार्च को वापस से बुध अपना राशि परिवर्तन कर मीन राशि में प्रवेश कर लेंगे।
- इसके बाद 8 अप्रैल को बुध मीन राशि से निकल जाएंगे और मेष में प्रवेश करेंगे। बाद में 24 अप्रैल को वृष राशि में इनका प्रवेश होगा।
- मई में बुध 10 मई को वृष राशि में वक्री होंगें।
- जून में बुध 4 जून को वृष राशि में मार्गी होंगें।
- जुलाई में 2 जुलाई को बुध मिथुन में फिर 16 जुलाई को कर्क में और 31 जुलाई को सिंह राशि में प्रवेश करेंगे।
- इसके बाद 20 अगस्त को बुध कन्या राशि में प्रवेश करेंगे।
- सितंबर में 10 सितंबर को बुध कन्या राशि में वक्री होंगे।
- 1 अक्टूबर बुध सिंह राशि में वक्री होंगे। वही 2 अक्टूबर को कन्या राशि में और 26 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश करेंगे।
- नवंबर में बुध ग्रह 13 नवंबर को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।
- 2 दिसंबर को बुध ग्रह धनु राशि में प्रवेश करेंगे। वही 27 दिसंबर को मकर में और 31 दिसंबर से धनु में वक्री होंगे।