उज्जैन: चायना मांझा भले ही खतरनाक हो लेकिन इसके बाद भी यह मांझा पतंगबाजों के लिए पहली पसंद बना हुआ है। हालांकि जिला प्रशासन ने चायना डोर के निर्माण और विक्रय आदि पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है बावजूद इसके अधिकांश पतंगबाज इस मांझे की तलाश में इधर उधर भटकते रहते है।
गौरतलब है कि उज्जैन में मकर संक्रांतिके अवसर पर पतंग उड़ाने की भी परंपरा विद्यामान है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान चाइनीज डोर मानवीय जीवन के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी खतरा बनी हुई है। हर वर्ष सैकड़ों लोग इसकी चपेट में आकर जख्मी हो रहे हैं और कई लोग जान से हाथ धो बैठे हैं। मौत की इस चाइनीज डोर पर लगाम कौन लगाए, यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है। चाइनीज मांझे को मेटलिक कोटिंग से तैयार किया जाता है। चाइनीज मांझे की कई वैरायटी बन रही हैं। इसे बनाने में अधिकतर केमिकल और अन्य धातुओं का इस्तेमाल हो रहा है। वैसे बाजार में मिलने वाले सभी मांझे घातक होते हैं, लेकिन इनमें चाइनीज मांझा सबसे खतरनाक साबित है।