सरवटे बस स्टैंड के पुराने दुकानदारों के साथ वादाखिलाफी क्यों ?

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By Shivani RathorePublished On: January 6, 2022

अर्जुन राठौर


सरवटे बस स्टैंड को जब तोड़ा गया और इसके निर्माण का कार्य शुरू हुआ तब वहां के 14 से अधिक दुकानदारों को नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त ने यह आश्वासन दिया था की नए बस स्टैंड का निर्माण होने के बाद उन्हें इसी स्थान पर नई दुकानें बनाकर दे दी जाएगी क्योंकि यहां के पुराने दुकानदार पिछले 40 से अधिक वर्षों से पहले हाउसिंग बोर्ड और उसके बाद नगर निगम के किराएदार बन गए थे ।

किरायेदारों द्वारा निगमायुक्त की बात को मानते हुए अपनी दुकानें खाली कर दी गई इसके बाद नगर निगम ने नसिया रोड वाली पट्टी पर टेंपरेरी दुकान बनाकर दुकानदारों को दी उसमें कुछ समय तक दुकानदारों ने अपना व्यापार भी किया और बाकायदा नगर निगम में किराया भी जमा कराया लेकिन इसके बाद उन्हें वहां से भी यह कहकर हटाया गया कि बस स्टैंड पूरा बन जाने के बाद नई दुकानें बनाकर दी जाएगी लेकिन अब जो नया बस स्टैंड बना है उसमें कहीं पर कोई दुकान नहीं है पिछले 40 वर्षों से यहां पर समाचार पत्र से लेकर अन्य आवश्यक वस्तुओं का व्यापार कर रहे दुकानदारों के साथ अब नगर निगम ने वादाखिलाफी कर दी है दुकानदार परेशान हो रहे हैं कि अब वे बिजनेस कहां करेंगे?

दुकानदारों द्वारा क्षेत्रीय विधायक से लेकर नगर निगम के कमिश्नर तथा अन्य अधिकारियों से मिलकर कई बार अपनी समस्याएं बताई गई है लेकिन उनकी समस्याओं का कोई निराकरण नहीं निकल पाया है जाहिर है कि सालों से धंधा कर रहे दुकानदार अब बेरोजगार हो गए हैं ।