मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का कोरोना का पूर्णत: नि:शुल्क उपचार कराना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस योजना का संवेदनशीलता तथा प्रभावी क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर श्री मनीष सिंह के निर्देशन में इंदौर जिले में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इसी के तहत आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे मरीज जिनके पास आयुष्मान के कार्ड हैं, उनके नि:शुल्क इलाज के लिये जिले के 50 शासकीय एवं अशासकीय अस्पतालों को आयुष्मान योजना से जोड़ा गया है। इन अस्पतालों में मरीजों का कोरोना संबंधी पूरी तरह नि:शुल्क उपचार सुनिश्चित किया जायेगा।
यह जानकारी आज यहाँ अपर कलेक्टर श्री अभय बेड़ेकर द्वारा ली गई अस्पतालों संचालकों की बैठक में दी गई। बैठक में बताया गया कि इंदौर जिले में मरीजों को कोरोना संबंधी इलाज सहजता के साथ उपलब्ध कराने के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। जिले में कोरोना के इलाज के लिये 50 शासकीय तथा अशासकीय अस्पतालों में प्रथम चरण में कुल 3235 बेड्स आरक्षित रखे गये हैं। इनमें से 50 से अधिक बेड्स की क्षमता वाले 37 अशासकीय अस्पतालों में कुल 1760 बेड्स आरक्षित किये गये हैं। शेष 1475 बेड्स 13 शासकीय अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिये रहेंगे। आयुष्मान योजना के तहत सभी 13 शासकीय अस्पतालों में 1475 बेड्स तथा अशासकीय अस्पतालों में 528 बेड्स कोरोना के नि:शुल्क इलाज के लिये उपलब्ध रहेंगे। इस तरह जिले में आयुष्मान योजना के तहत कुल 50 शासकीय तथा अशासकीय अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज के लिये दो हजार से अधिक बेड्स आरक्षित रहेंगे।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री अभय बेड़ेकर ने अस्पताल संचालकों को आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में उपरोक्त 50 अस्पतालों को चिन्हित किया गया है। दूसरे चरण में 26 और अशासकीय अस्पतालों को आयुष्मान योजना से जोड़ा जायेगा। उन्होंने अस्पताल संचालकों से कहा कि कोई भी अस्पताल आयुष्मान योजना के कार्डधारियों से किसी भी तरह की राशि नहीं लें। उनका पूरी तरह नि:शुल्क उपचार करें। कोरोना मरीज आते ही उन्हें तत्काल एडमिट करें। अस्पताल में भर्ती करने से उन्हें मना नहीं किया जाये। संदिग्ध मरीज जिनकी रिपोर्ट पॉजीटिव नहीं आयी है और उन्हें गंभीर रूप से लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो भी आवश्यकतानुसार उनका इलाज भर्ती कर तुरंत शुरू किया जाये। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल कोरोना के इलाज के लिये सुविधा तथा संसाधनयुक्त है। सभी अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर की हर परिस्थिति से निपटने के लिये तैयार रहें। वे यह सुनिश्चित करें कि ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह कार्य कर रहा है। अगर किसी कारणवश उसमें खराबी आती है तो उसकी हर समय मरम्मत की व्यवस्था तैयार रखी जाये। ऑक्सीजन प्लांट नियमित रूप से संधारित रहे, इसके लिये भी पर्याप्त व्यवस्था रखें। वर्तमान में परीक्षण के लिये प्लांट को तीन से चार घंटे तक चालू कर उसका समुचित उत्पादन और शुद्धता परखी जाये। उन्होंने कहा कि जिस तरह पिछली बार कोरोना के इलाज में अशासकीय अस्पतालों ने सहयोग किया है उसी तरह का सहयोग आने वाले समय में भी किया जाये।